नर्मदा नदी के किनारे भट्याण गांव के आश्रम में रहने वाले संत सियाराम बाबा का निधन हो गया है। वे कई दिनों से बीमार थे। कुछ दिन पहले निमोनिया होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस सूचना के बाद उनके भक्तों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बाबा मां नर्मदा और हनुमान जी के परम भक्त थे। बाबा की उम्र 110 साल के लगभग बताई जाती है।
बुधवार शाम को अंतिम संस्कार
संत सियाराम बाबा का अंतिम संस्कार बुधवार शाम को उनके आश्रम के पास नर्मदा नदी के तट पर किया जाएगा। उनके निधन की खबर सुनते ही भक्तों का आना शुरू हो गया है और बड़ी संख्या में लोग आश्रम पहुंच रहे हैं। बाबा को हाल ही में निमोनिया हो गया था, लेकिन वे अस्पताल में रहने के बजाय अपने भक्तों से मिलने के लिए आश्रम में ही रहना चाहते थे। इस कारण चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था।
बारह वर्षों तक मौन
संत सियाराम बाबा ने नर्मदा नदी के किनारे अपना आश्रम स्थापित किया था और उनकी उम्र 110 के लगभग थी। बाबा ने बारह वर्षों तक मौन व्रत धारण किया था, जो भक्त उनसे मिलने आते थे और अधिक दान देना चाहते थे, बाबा उसे स्वीकार नहीं करते थे। वे केवल दस रुपए का नोट ही लेते थे, और उस धनराशि का उपयोग आश्रम से जुड़े कार्यों में करते थे। बाबा ने नर्मदा के किनारे एक पेड़ के नीचे तपस्या की थी। मौन व्रत तोड़ने के बाद उन्होंने पहला शब्द “सियाराम बाबा” कहा, और तभी से भक्त उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे।
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