एमपीआरडीसी ने 18 अप्रेल तक बुलवाए है टेंडर
बदनावर। मालवा का प्रवेश द्वार कहलाए जाने वाला बदनावर उतर दक्षिण और पूरब में फोरलेन से जुड़ा हुआ है। पश्चिम का पेटलावद-थांदला रोड़ टू लेन है। औद्योगिक विकास के मददेनजर इसे फोरलने बनाए जाने की मांग की जा रही थी। एमपीआरडीसी ने इसे चौड़ा करने की निविदा जारी कर 18 अप्रेल तक टेंडर बुलवाए गए है।
वर्तमान में यह बदनावर से थांदला तक 78 किमी टू लेन है जिसे 12 किमी विस्तार देकर राजस्थान के कुशलगढ़ तक 432 करोड़ की लागत से 10 मीटर चौड़ा किया जाएगा। वर्तमान में यह मार्ग शोल्डर सहित सात मीटर चौड़ा है जिसे 12 मीटर चौड़ा किया जाएगा। यानि कुल दस मीटर तक डामरीकरण तथा एक-एक मीटर के मुरम के शोल्डर सड़क के दोनों और बनाए जाएंगे।यह रोड़ मालवाचंल और दक्षिणी राजस्थान को उतर पूर्वी गुजरात से जोड़ने का यह महत्वपूर्ण मार्ग है। वर्तमान में जावरा लेबड़ फोरलेन राजस्थान और महाराष्ट्र को जोड़ता है। उज्जैन बदनावर निर्माणाधीन फोरलेन से यह 90 किमी लंबा मार्ग सीधा जुड़ जाएगा। इसी मार्ग पर पेटलावद-थांदला के बीच मुबंई दिल्ली एक्सप्रेस वे भी पड़ता है। अभी तक मालवांचल से गुजरात जाने के लिए इंदौर अहमदाबाद मार्ग ही प्रमुख था। अब इस मार्ग के चौड़ीकरण से यातायात इस पर अधिक डायवर्ट होगा। क्योंकि चंबल क्षेत्र से गुजरात जाने वाले वाहन इंदौर होकर गुजरात जाते थे वा अब देवास से उज्जैन फोरलेन और उज्जैन से बदनावर तक बन रहे फोरलेन से सीधे गुजरात जा सकते है। इससे समय भी बचत होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के मालवाचंल के लोग भी गुजरात इसी मार्ग से होकर जाते है। पश्चिमी बदनावर के पश्चिमी क्षेत्र मंे ही पीएम मेगा टेक्टसाईल्स पार्क बन रहा है। छायन में जील इनरवियर शुरू हो चुकी है जबकि दोत्रिया में एक फेक्ट्री की नींव रखी जा चुकी है। इन उद्योगों के लिए आवागमन में भी इस मार्ग के चौड़ीकरण से यातायात सुगम होगा। पिछले तीन वर्षो में औद्योगिक विकास हेतु जो लैंड बैंक तैयार किया गया है वो इसी मार्ग के आसपास है। बदनावर की सीमा माही नदी पर समाप्त होती है उस पार पेटलावद तहसील का कसारवड़ी गांव आता है वहां पर भी औद्योगिक क्षेत्र हेतु भूमि संरक्षित की गई है। उज्जैन-भोपाल हेतु गुजरात की यात्री बसें और अन्य वाहन भी इसी मार्ग का प्रयोग अधिक करते है।
उज्जैन से बदनावर तथा बदनावर से थांदला तक के इस मार्ग को साल 2005-06 में इस मार्ग को टू लेन बनाया गया था। जब यह टूलेन बना था तो कई जगह घुमावदार होने से दुर्घटनाएं बढ़ने लगी थी। एक बार तो दुर्घटनाओं का सिलसिला सा चल पड़ा था तब कलेक्टर ने सर्वे कर घुमाववाली साईड के शोल्डर चौड़े करवाए थे। लेकिन यातायात के बढ़ते दबाव से इसके चौड़ीकरण की जरूरत ज्यादा थी। यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए साल 2018 से इसे फोरलेन में तब्दील करने की कवायद की जा रही थी। तब उज्जैन से पेटलावद के अमरहोली तक 139 किमी की सड़क का चौड़ीकरण करने के लिए 1130 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया था। लेकिन यह प्रक्रिया यह प्रक्रिया गति नही पकड़ पाई। तब दिसबंर 2022 में केंद्रीय मंत्री ने उज्जैन-बदनावर के 69.1 किमी मार्ग को स्टेट हाईवे 18 को नेशनल हाइवे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया था। इसके बाद इस मार्ग का निर्माण कार्य लगभग 70 प्रश तक पूर्ण हो चुका है। लेकिन इसके बदनावर से थांदला तक के चौड़ीकरण का काम ठंडे बस्ते में चला गया था। अंततः एमपीआरडीसी ने निविदा जारी की। संभावना है कि वर्षाकाल बाद कार्य प्रारंभ हो जाएगा और जिससे इस मार्ग की आने वाले दो वर्षो में बनकर तैयार होने की संभावनाए प्रबल होती दिखाई दे रही है।
इनका कहना है-
एमपीआरडीसी के सहायक महाप्रबंधक अमित भूरिया ने बताया कि बदनावर-थांदला को कुशलगढ़ मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 18 अप्रेल तक टेंडर बुलवाए गए है। इसके बाद की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि अक्टूबर तक इस पर काम शुरू हो जाएगा।
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