धार। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर के खिलाफ जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है। उनके सामने चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल ने ये याचिका लगाई है। निर्वाचन को चुनौती देते हुए इसे शून्य घोषित करने की मांग की है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है।
मुवेल के वकील अभय उपाध्याय ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी प्रत्याशी सावित्री ठाकुर ने नामांकन फार्म के साथ दिए एफिडेविट में कुछ जानकारियां छिपाई थी और कुछ कॉलम रिक्त छोड़ दिए थे। 26 अप्रैल को कलेक्टर धार के समक्ष हमने आपत्ति दर्ज करवाई थी। नामांकन फार्म के साथ जो एफिडेविट गाया जाता है। उसमें कॉलम रिक्त नहीं छोड़ सकते हैं।
झूठी जानकारी नहीं दे सकते। बीजेपी प्रत्याशी के मामले में ऐसा हुआ था लेकिन कलेक्टर धार ने हमारी आपत्ति को खारिज कर दिया था। इसके बाद जबलपुर हाई कोर्ट में इलेक्शन पीटिशन दायर की। 19 जुलाई को जबलपुर हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है।
बीजेपी प्रत्याशी सावित्री ठाकुर पर ये आरोप
इलेक्शन पीटिशन के माध्यम से कांग्रेस प्रत्याशी ने कोर्ट को बताया है कि बीजेपी प्रत्याशी सावित्री ठाकुर ने एफिडेविट के साथ नामांकन फॉर्म सबमिट किया है। इसमें पेज नंबर 6 पर अपनी आय बताना होती है। मंत्री ठाकुर ने 2018-19 में 38 हजार 671 रुपए सालाना आय बताई है। जबकि सांसद का पेंशन-वेतनमान ही 1 लाख 90 हजार रुपए महीना होता है।
फार्म के साथ लोकसभा सचिवालय से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लगाना अनिवार्य होता है। सरकारी आवास से संबंधित पानी व अन्य बिल शामिल रहते हैं। ये भी बीजेपी प्रत्याशी की तरफ से नहीं लगाया गया है।
फार्म में दिए कॉलम में परिवार की आय का ब्योरा भी देना आवश्यक होता है लेकिन मंत्री सावित्री ठाकुर के द्वारा जानकारी नहीं दी गई। इन ग्राउंड के आधार पर याचिका लगाकर कांग्रेस प्रत्याशी ने उनका निर्वाचन शून्य घोषित करने की मांग कोर्ट से की है।
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