April 27, 2024

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जन्म भूमि की याद खींच लाई अमेरिका से बदनावर – डॉ देवकल्याण भाटी

बदनावर। बदनावर की माटी में जन्मे, पले और बड़े हुए डॉ देव कल्याण भाटी काफी समय बाद सात समंदर पार कर अमेरिका से कल बदनावर आए। यहां नागेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में स्थित अपने माता पिता नाथूजी व राजबाई की समाधि पर पं वासुदेव जोशी से विधि विधान से पूजा करवाई।

उनके साथ तीन पुत्र में से दो पुत्र डॉ महेंद्र भाटी व डॉ राजेंद्र भाटी तथा उनकी पोती ईसाबेन भी आई थी। जबकि तीसरे पुत्र डॉ सुरेंद्र भाटी नहीं आ सके थे। सबने मिलकर पूजा की। वे अपने बचपन से पारिवारिक संबंध वाले शेखर यादव व मैडम फरीदा बोहरा को साथ लेकर नागेश्वर पहुंचे थे। फिर दोनों के परिवार से मिले और इंदौर रवाना हो गए। वे इंदौर से अपने मित्र स्व मिश्रीलाल जैन वकील साब बदनावर वाले के पोते राजीव जैन को साथ लाए थे।

डॉ भाटी रेबारी परिवार से आते हैं तथा बदनावर के मूल निवासी रहे हैं। वे बरसों पहले अमेरिका में जाकर बस गए थे। वहां आज भी एक माने हुए सर्जन के रूप में उनका नाम शुमार है। उनके तीनों बेटे भी डॉक्टर हैं। यहां गांधी मार्ग पर उनका पैतृक निवास था। जिसे बाद में बेच दिया गया। कुछ साल पहले तक उनकी बहन सजनबाई यहीं रहती थी। काफी समय तक उनके मालकी के ऊंट भी थे। जिनका राजस्थान के रेबारी लोग पालन करते थे। बहन का बाद में निधन हो गया। वे जब तक जीवित रही डॉ भाटी का यहां नियमित रूप से आना जाना लगा रहा।

87 वर्षीय डॉ भाटी इन दिनों अमेरिका के टेक्सास राज्य में रहते हैं और सेवानिवृत हो चुके हैं। वहां भी उन्होंने शादी की थी। जिनका देहांत हो चुका है। उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी भारतीय नाम से रखे हैं।

बरसों बाद आने पर वे यहां के बदलाव को देख कर अभिभूत हो गए। वे बचपन में संगी साथियों के साथ आकर यहां नागेश्वर मंदिर के कुंड में डुबकियां लगाते थे। आज उनके साथ खेले कूदे और मिडिल स्कूल में साथ पढ़ने वाले तमाम साथी इस दुनिया में नहीं रहे हैं। उनके परिवार के बारे में भी पूछताछ की।

यादव के निवास पर नगर परिषद अध्यक्ष मीना-शेखर यादव ने उनका आत्मीय स्वागत किया। डॉ भाटी का उनके परिवार से पारिवारिक रिश्ता रहा है। वे फरीदा बोहरा के निवास पर भी गए। जिनके स्व पिता उनके साथ पढ़ते थे। तब डॉ भाटी को अमेरिका पहुंचाने में फरीदा मैडम के दादाजी ने मदद की थी।

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