April 27, 2024

India 24 News TV

Khabar Har Pal Ki

पूर्व विधायक पाटीदार के खिलाफ कोर्ट से 5 लाख रुपए की डिक्री

 

बदनावर। व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड बदनावर रितुश्री गुप्ता के न्यायालय में एक सिविल प्रकरण में पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता खेमराज पाटीदार के विरुद्ध प्रस्तुत सिविल वाद में 5 लाख रुपए एक मुश्त अदा करने का निर्णय पारित किया है।

वादी कमलेश पिता दुर्लभराम धाकड़ कारोदा ने प्रतिवादी खेमराज पिता बालाराम पाटीदार निवासी ग्राम गाजनोद के खिलाफ दावा प्रस्तुत किया था। पाटीदार बदनावर से भाजपा के विधायक तथा जिला भाजपा एवं जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी रहे हैं। वादी ने यह वाद 5 लाख 20 हजार रुपए एवं इन रुपयों पर दो प्रतिशत प्रति माह प्रति सैकड़ा की दर से ब्याज वसूली हेतु प्रस्तुत किया था।

इस वाद के अनुसार प्रतिवादी पाटीदार वादी के घर गत 1 फरवरी 2023 को गए और रुपयों की जरूरत का बोलकर 5 लाख रुपए नकद बतौर कर्ज उधारे मांगे और कहा कि यह राशि 15 दिन में अदा कर दूंगा तथा इन रुपयों की अदायगी हेतु प्रतिवादी ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा कानवन का चेक भी अपने हस्ताक्षर करके दिया और भरोसा दिलाया कि सदर बैंक से यह भुगतान यथासंभव बैंक में प्रस्तुत करने पर प्राप्त हो जाएगा। किंतु जब चेक बैंक में जमा कराया तो खाते में अपर्याप्त राशि होने पर वह अनादरित हो गया। इस प्रकार प्रतिवादी ने फरेब और धोखा करके जानबूझकर ऐसे खाते का चेक दिया जिसमें पर्याप्त राशि नहीं थी।

प्रतिवाद पत्र में प्रतिवादी ने इस तथ्य को अस्वीकार किया था कि उसने वादी से यह राशि उधार ली थी और न ही चेक दिया था। प्रतिवादी सक्षम किसान होकर उसके पास 50 बीघा सिंचित भूमि है। वह पूर्व विधायक रह चुका है तथा भाजपा व किसान सहकारी बैंक का अध्यक्ष भी रह चुका है। प्रतिवादी ने कभी रुपए उधार नहीं लिए। उसे 30 हजार रुपए प्रति माह विधायक पेंशन भी मिलती है तथा खेती से सालाना 7-8 लाख रुपए की आय होती है। प्रतिवादी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता व ड्राइवर जितेंद्र गुर्जर को वादी से 1 लाख रुपए दिलवाए थे और अपने पास रखा रिक्त चेक बतौर जमानत दिया था। वादी ने राजनीतिक द्वेषता से यह चेक प्रस्तुत किया था। इसलिए यह वाद निरस्त किया जाए।

वादी ने अपने कथन में बताया था कि वह कृषि कार्य करता है। उसके परिवार के सदस्यों के नाम 125 बीघा जमीन है। प्रतिवादी उसके घर आए थे और 5 लाख रुपए उधार मांगे थे। जो सूचना पत्र देने के बावजूद नहीं लौटाए। न ही कोई जवाब दिया। इसलिए दावा पेश किया था।

कोर्ट में वादी व प्रतिवादी के कथनों एवं दस्तावेजी सबूतों के आधार पर वादी अपना पक्ष प्रमाणित करने में सफल रहा। उसने उक्त राशि प्रतिवादी को दी तथा भुगतान स्वरूप दिया गया चेक अनादरित हो गया।

फलस्वरुप प्रतिवादी वादी को एक मुश्त 5 लाख रुपए अदा करेगा। किंतु ब्याज राशि के बारे में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। इसलिए वह बाजार धारा अनुसार ब्याज प्राप्त करने का पात्र नहीं है। वादी की ओर से अधिवक्ता दिनेश भदोरिया ने पैरवी की।

About Author