May 1, 2024

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तीन दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव व शिव कथा के समापन में हजारों की तादाद में उमड़े भक्त

 21 हजार रुद्राक्ष एवं पार्थिव शिवलिंग से एक शिवलिंग का किया निर्माण

बदनावर । बाबा बैजनाथ महादेव की नगरी बदनावर में धर्म और आस्था का तीन दिवसीय मेले का समापन रूद्राक्ष वितरण के साथ हुआ। अति प्राचीन श्री बैजनाथ महादेव मंदिर है जहाँ हजारों की तादात में भक्तगण बाबा की पूजा आराधना कर अपनी मनोकामना पुर्ण करते है। इसी वर्ष सावन माह में श्री बैजनाथ मंदिर परिसर में कांग्रेस के युवा नेता कु. अभिषेक सिंह टिंकू बना ने भव्य रुद्राक्ष महोत्सव वह श्री शिव कथा का आयोजन करवाया।

कार्यक्रम संयोजक कैलाश गुप्ता, अश्विन पाटीदार ने बताया कि इस तरह का आयोजन धार जिले में पहली बार किया जा रहा है। सवा लाख पार्थिक शिवलिंग का महिलाओं द्वारा निर्माण किया गया जिसके बाद सवा लाख पार्थिक शिवलिंग से एक शिवलिंग का निर्माण किया गया एवं 21 हजार रुद्राक्ष का एक शिवलिंग बनाया गया। जिसका बाद में रुद्राभिषेक किया गया। गौभक्त पंडित बलराम जी शास्त्री के मुखारबिंद से धर्म प्रेमी जनता ने तीन दिन तक शिव कथा का अमृत रसपान किया। पंडित शास्त्री ने भगवान भोलेनाथ की महिमा का बखान करते हुआ कहा कि हमेशा अच्छी वाणी बोलनी चाहिए। बात अच्छी बोलोगे व एक बात अगर आप बुरी बोल दोंगे, तो लोग सौ अच्छी बातों को भूलकर वह एक बुरी बात को जीवन भर याद रख लेते है। गलती जाने में हो या अनजाने में, गलती गलती होती है। इसकी सजा इंसान को जरूर मिलती है और हमेशा हर व्यक्ति को साफ नियत के व्यक्ति का साथ देना चाहिये ऐसे व्यक्ति का साथ देना चाहिए जो आपके लिए दिन रात काम आए, हमेशा आपकी मदद करे, जो व्यक्ति भ्रष्ट होता है जो अवैध कार्य करता है उसका जीवन भी उसी प्रकार का होता है क्योकि हमेशा मनुष्य जीवन में किये गए पापों का फल मनुष्य जीवन में ही मिलता है इसलिए जीवन में ऐसे व्यक्ति का साथ दे जिसकी नियत साफ़ हो, मन साफ़ हो और भ्रष्ट ना हो और अवैध कार्य ना करे, क्योकि जैसी जिसकी संगत वैसा उसकी कर्म अच्छा कर्म करोंगे तो अच्छा फल मिलेगा और बुरा कर्म करोंगे तो यहीं भुगतना पड़ेगा। शिव कथा अमृत के समान होती है। भगवान शिव की कथा रूपी फल में अमृत रस ही रस भरा है। जिस प्रकार से अमृत एक मृत व्यक्ति में प्राण फूंक देता है, उसी प्रकार कथा का सार का यही है जो हमारे समस्त विषय विकारों, बंधनों से हमें मुक्त कर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। साथ ही कहा कि भगवान को अगर बैठाना है, भगवान को लेकर चलना है तो मन के अंदर भाव बिठाने पड़ेंगे। मन को बड़ा बनाना पड़ेगा। जो मन को बड़ा बना लेते है वहां परमात्मा वास करते है। जो मन को बड़ा नही बनाता वहाँ भगवान कभी नही आते। भगवान की ऐसी भक्ति करो कि भगवान खुद हमसे मिलने आए। भक्ति में शक्ति होती है।

उन्होंने कथा में बिल पत्र से शिव की पूजा के बारे में भी बताया।

अंतिम दिन सावन सोमवार को शाम 4 बजे अभिमंत्रित 21हजार रुद्राक्ष का श्रद्धालुओं में वितरण किया गया। उक्त आयोजन में हजारो की संख्या में भक्तो का मैला लगा था, कथा स्थल खचाखच घर जाने के बाद मंदिर परिसर के आसपास और आगे तक श्रद्धालु वह भक्तगण बैठे हुए थे।

कार्यक्रम के आयोजक कु. अभिषेक सिंह टिंकू बना, सयोजक कैलाश गुप्ता, अश्विन पाटीदार एवं निवेदक बाबा बैजनाथ महिला भक्त मंडल ने कार्यक्रम में आए सभी भक्तों का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार प्रकट किया।

टिंकू बना ने कहा कि यह आयोजन धार्मिक था और यह किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि बाबा बैजनाथ का आयोजन था, जिसमे सहयोग करने वाले सभी परिवारजनों के हम आभारी है।

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