April 26, 2024

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शिव महापुराण कथा ने कोटेश्वर महादेव की हेमा को देश-विदेश में प्रसिद्ध कर दिया-प.मिश्रा

शिव महापुराण कथा ने सनातन धर्म को जगा कर बच्चों को मंदिर तक पहुंचाया

 

नए मंदिर न बना कर पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार होना चाहिए,_ पंडित प्रदिपजी मिश्रा

 

बदनावर। इंदौर के शरदसिंह सिसोदिया साधुवाद के पात्र है जिन्होंनें यह पंचपुष्प शिवमहापुराण कथा किसी शहर में न करवाकर शिव की नगरी अतिप्राचीन कोटेश्वर धाम में करवाई है। शिवमहापुराण कथा ने सनातन धर्म को जगाया है, बच्चांें को मंदिर तक पहुंचाया है।

पहले इस धार्मिक स्थल को यही के लोग जाना करते थे किंतु इस कथा ने कोटेश्वर बाबा की पुण्य धरा को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया है। कोटेश्वर महादेव पर प्राकृतिक रूप से गंगाजल की धाराएं गिरकर अभिषेक कर रही है। आस्था चैनल के माध्यम से पूूरा विश्व देख रहा है। यह स्थान दुनिया में ख्याति प्राप्त करेगा।

उक्त उदगार कोटेश्वर महादेव धाम में चल रही पांच दिवसीय पचपुष्प शिवमहापुराण कथा के अंतिम दिन मंलगवार को अंतराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। जो स्व शिवकुमार सिसोदिया इंदौर व स्व ओमप्रकाश पांडे नागदा की स्मृति में शरदसिंह सिसोदिया द्वारा आयोजित की गई।

पंडित मिश्रा ने आगे कहा कि नए मंदिरों की जगह पुराने मंदिरों का जिर्णाेद्धार होना चाहिए। क्योकिं पुरातन मंदिरों में भी भक्तों का जमावडा बढना चाहिए। चूढ़िया, मंगलसूत्र, पायल, बिंदीया सबकी कीमत अलग अलग हो सकती है। लेकिन बाजार में सिंदूर की कीमत एक ही होती है और मांग में भरने बाद वह कीमत बड़ जाती है। संसार का मनुष्य कहीं पर भी जाकर बैठे किंतु जब वह शिवमहापुराण की कथा, सत्संग में आकर बैठ जाता है तो उसकी कीमत बढ जाती है। इसी प्रकार पारिजात, कनेर, शमी, मंदार, धतूरा आदि पुष्प सब सस्ते है, इनकी कोई केीमत नही है। किंतु यही पुष्प जब महादेव को अर्पित हो जाते है तो वह सभी अनमोल बन जाते है।

एक स्त्री का बडपन्न उसके संस्कार, श्रृ्रगार व परिधान से होता है। राजस्थान में नारी के तन पर पहने जाने वाला वस्त्र तलवार से कम नही होता है। जितना रह सकते हौ अच्छी संगत में रहो। मनुष्य के भीतर निर्मलता, सादगी तभी आती है जब पूर्व के संस्कार हो। सच्चे मन से किया गया कीर्तन, स्मरण आपको कैलाश धाम तक खींच कर ले जा सकता है।

शंकर भगवान का आधा स्वरूप प्रत्येक नारी में होता है। नारी में शिव भी है और शक्ति भी है। संसार मंे जन्म लेने वाला मनुष्य जब गर्भ में पहुचंता है तो जन्म से लेकर मृत्यु तक की जवाबदारी महादेव की बन जाती है।

किसी मंे सामर्थ्यता नही है कि दुख की घडी में कोई तुम्हारा साथ दे। जब आप पर कर्जा होता है तो रिश्तेदारों को परखने का मौका देता है लेकिन मुसीबत मे जब आप देवाधिदेव महादेव के सम्मुख उनकी शरण में पहुंच जाते हो तो किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नही पड़ती है। अहंकार का तूफान आता है बडी बडी हस्तियांे को डुबो देता है।

मनुष्य जन्म प्राप्त करने के बाद जिसने शिवतत्व को जान लिया तो उसकी 71 पीढ़िया तर जाती है।

महाकाल की नगरी मोक्ष को प्रदान करने वाली है तथा काशी अभिमुक्त नगरी है। अन्य जगह मृत्यु होने पर लोग रोते है जबकि काशी मंे होने पर मुस्कुराते है। क्योंकि शिवमहापुराण में बताया गया है कि काशी मंें मृत्यु होती है तो शिव उसके कान मंे गुरू मंत्र सुनाते है जिससे उसको मोक्ष प्राप्त हो जाता है। कथा पूर्णाहुति पर पंडित मिश्रा ने आयोजक सिसोदिया के सिर पर शिवपुराण रख आशीर्वाद प्रदान किया।

इन समितियों ने दी धरातल पर सराहनीय सेवा

समूचे पांडाल में प्रतिदिन स्वच्छता की कमान कानवन की कण्व सेवा संस्था, सुबह शाम बिड़वाल के हर हर महादेव कावड़ संघ के 150 महिला, पुरूषों ने भोजन की व्यवस्था संभाल रखी थी। इसी तरह कोटेश्वर से जुड़े आसपास के गांवों के लोगो ने पार्किंग, जल, सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं का जिम्मा लेकर निर्विघ्न रूप से संभाली। कथा स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पांडाल सहित सभी मार्गो पर विभिन्न गांवों के संगठन व समितियों द्वारा पेयजल की माकूल व्यस्थाए रखी। कथा की पूर्णाहूति पर स्थल के चारों और से प्रस्थान करने वाले श्रद्धालुओं को करीब 15 क्विंटल प्रसादी वितरित की।

 

*आयोजक सिसाोदिया ने भावुक शब्दों से आभार व्यक्त किया*

 

शिवमहापुराण कथा आयोजक शरदसिंह सिसोदिया ने मंच से उपस्थित जनसमुदाय, विभिन्न समिति, टेंट व्यवस्था, बाउंसर व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, कोटेश्वर महादेव के महंत मगल भारती व पुजारीगण, पुलिस, प्रशासन व 34 समितियांें के 3 हजार सदस्यों को क्रियान्वित करने वाले प्रबंधन समूह, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहसोगी के साथ संपूर्ण आयोजन का बेहतर ढंग से कवरेज करने पर मीडिया समूह का आभार व्यक्त किया। इस दौरान सभी के सहयोग, समर्पण व भक्ति भाव को देखकर संबोधन के दौरान आंखे भर आई। कथा के अंतिम दिन समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष चंदा सिसोदिया,आयोजक शरदसिहं सिसोदिया, धर्मपत्नी रीना सिसोदिया, पुत्र राजवीर सिंह, चंद्रवीर सिंह, बड़नगर विधायक मुरली मोरवाल, उज्जैन जिला पंचायत पूर्व अध्यक्षद्वय महेश पटेल,बालमुकुंदसिह गोतम, मनोज गौतम धार,कमल सिंह पटेल,निरंजनसिह पंवार,टिंकू बना, र्कैलाश गुप्ता, राजेन्द्र खोकर,अश्विन पाटीदार, मुकेश होती,संदीप माहेश्वरी,श्याम अग्निहोत्री,शंकर चौहान, निर्देश सोनगरा,निमेष पाटीदार,राजेन्द्र जाट,अमित जैन,महेश पाटीदार पत्रकार, देवपाल सिंह यादव गजेंद्र सिंह डोडिया, प्रवीण गुर्जर, दीपक गुर्जर, ईश्वर सिंह भाट बामन्दा ,जगदीश बना सनौली, मनीष बोकड़िया,घनश्याम सिंह डोडिया, लाखन सिंह जादोन, चेतन सिंह राठौर, नीलेश वैष्णव,कैलाश बोरिया,कमल सिंह सिसोदिया, विष्णु मरगला,सारिका बाफना,सारिका पटेल, अतुल बाफना,महिपालसीह पंवार, गोरधन पलोत्रा, करन पंवार, संजय छापरा वाले, जीवन पटेल कुमेडी, संतोष धोरा, संदीप खरसोदिया, विष्णु छपनीया, बिंदु बना, सचिन भानीवाला, शुभम पालोत्रा, सुजीत पालोत्रा, शरद छपनिया, जयेश गोगाजी ,मनोज,खोकर, भोला बादशाह ,रवि भानीवाला, रवि कंडारियावाला ,मुकेश खरसोदिया, सचिन गाजनोद, रवि धोरा, धीरज वावडीवाला, रोहित पालोत्रा, संजय भानीवाला, भरत पाटीदार मुंगेला,राकेश चौधरी दिलीप सिंह खिलेड़ी, कमल सिंह सिसोदिया करतार सिंह डोडिया, सदाशिव भंवरिया, संदीप खर्चोंदिया, लाखन सिंह , अजीत गणावा ,कृष्णा चौधरी , युवराज सिंह बाबूलाल, मनोज परमार, तूफान सिंह सरपंच, महेंद्र सिंह, कैलाश पाटीदार बालोदा,हरीश मागलिया, जगदीश पाटीदार बिंदु बना संदीप पाटीदार ,ईश्वर सिंह, जगदीश शरण सिंह, तूफान सिंह जादौन, संदीप डाबी निर्मल वर्मा,घनश्याम जाट तरुण जाट ,युवराज सिंह, पंकज प्रजापत राजेंद्र सिंह सोलंकी दीपक बैरागी प्रेम सिंह मोरी लोकेंद्र सिंह भैरू सिंह, शिवपाल सिंह दुर्गाशंकर दुबे रामकरण मकवाना अशोक भूरिया तूफान सिंह विनोद सिंह पटेल लाखन सिंह पवार गोविंद सिंह,मुकेश, राजेंद्र ,शुभम सोलंकी, राजेश राठौर सहित सैकड़ों कारकर्ताओ का सराहनीय योगदन रहा।

मीडियाकर्मी पुरुषोत्तम शर्मा, जगजीवन सिंह पवार ,धर्मेंद्र अग्निहोत्री, दिलीप सिंह चौहान ,मनीष शर्मा, राकेश सिंह ,नवीन चौहान, मोहित राठौड़, अनूप जायसवाल, विक्की राजपुरोहित, आनंद अग्निहोत्री, दिलीप नागोरी,निलेश पाटीदार,राजेश चौहान बि एल सुरवंशी सहित तहसील क्षेत्र के मीडियाकर्मियों का महत्वपूर्ण योजन रहा।

अंत में शशि सिसोदिया ने सभी कार्यकर्ताओं एवं सहयोग कर्ताओं का आभार व्यक्त किया।

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