बदनावर । तिलगारा में अतिप्राचीनतम महिषासुर मर्दनी माता मंदिर पर 11 कुंडीय सहस्त्रचंडी यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है यज्ञ सोमवार से प्रारंभ हुआ जो 3 मई मंगलवार को गंगा कलश यात्रा के साथ सम्पन्न होगा। यज्ञ आचार्य पंडित हेमंत शास्त्री कानवन के द्वारा किया जा रहा है जानकारी के अनुसार ग्रामीणो द्वारा गांव की शांति के लिए पिछले कई वर्षों से यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है पिछले दो वर्ष कोरोना के चलते यज्ञ नही हो पाया था दो वर्षों बाद यज्ञ के आयोजन होने से ग्रामीणों में भारी उत्साह दिख रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह मंदिर अति प्राचीन होने के साथ ही माँ महिषासुर की प्रतिमा दिन में तीन रूप धारण करती है प्रातः काल शिशु जैसी दोपहर को युवा व शाम को वृद्धा जैसी प्रतीत होती है यहाँ आने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। ग्रामीण शंकरलाल पाटीदार ( चौधरी ) व परमानन्द धोल ने बताया कि इस तरह के सहस्त्रचंडी यज्ञ बहुत कम होते हैं। यहाँ माता की प्रतिमा चमत्कारी है यहाँ आने वालों की सभी मन्नते पूरी होती हैं खासकर यहाँ निःसन्तान दम्पति बड़ी संख्या में आते हैं मां उनकी झोली भर देती है।
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