बदनावर । वर्तमान में जहा सेटेलाइट चैनलों एवं सोशल मीडिया की चकाचौंध में स्टेचो पर होने वाले रामलीला, रासलीला का मंचन विलुप्त होता जा रहा है ऐसे में बदनावर तहसील के सुरूर गांव तिलगारा का श्री अंबिका कला मंडल अपनी पुरानी परंपरा को सजोए हुए है आज भी मंडल द्वारा रामलीला का जीवंत मंचन कर आध्यात्मिक चेतना का अलख जगाया जा रहा है आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में मन्नत पूरी होने पर रामलीला का आयोजन करवाया जाता है आप को बता दें कि श्री अम्बिका कला मंडल की स्थापना सन 1984 में हुई थी मंडल मध्यप्रदेश , उत्तरप्रदेश राजस्थान ,गुजरात सहित कई राज्यों में रामलीला का मंचन कर चुका है मंडल में 30 सदस्य हैं जिसमे 25 लोग अलग अलग पात्रों का रोल निभाते हैं तो 5 सदस्य संगीत का काम करते हैं ।
रावण का पात्र करने वाले संकर लाल चौधरी ने बताया कि जब में रावण का रोल करता हु तो ऐसा महसूस होता है मानो में रावण हु ओर तीनो लोगों में सबसे शक्तिशाली हु ।
हनुमान का पात्र निभाने वाले माणक चौधरी ने बताया कि हनुमान का रो करने में बहुत मजा आता है और मंचन के दौरान राक्षसों की धुनाई भी खूब करता हु ।
मंडल में राम की भूमिका निभाने वाले लखन पाटीदार व सीता का रोल निभाने वाले जमना लाल पाटीदार व लक्षण का रोल करने वाले पीयूष पाटीदार ने बताया कि जब वह इन पत्रों का रोल करते हैं तो उन्ही पात्रों जैसा अनुभव करते है मंडल के धर्मराज पटेल, लक्ष्मण पाटीदार जगदीश पाटीदार कैलाश पटेल ने बताया कि हमारे रामलीला मंडल को आज तक शासन द्बारा किसी प्रकार की सहायता नही मिली।
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