भारत का प्रकाशोत्सव विदेशों में भी है लोकप्रिय
बदनावर। भारतीय संस्कृति की विश्व परीक्षेप्य में देखे तो अपने आप में एक अलग ही पहचान है। यहां विविध भाषाओं बोलियों का समागम है। वहीं यहां के त्योहार भी विविधता भरे हैं तो है ही साथ ही प्रकृति व मौसम के साथ भी संगति बिठाते हुए प्रतीत होते हैं और आपसी मेल-मिलाप का बहुत ही सुनियोजित पहलु अपने आप में छिपाए हुए है। यही वजह है कि विश्व के अन्य देश इन तीज त्यौहार से आकर्षित होते रहे हैं। दिपावली का त्योहार जहां आपने में धार्मिक आस्थाओं को पोषित करता है। भगवान राम की विजय और अयोध्या आगमन की खुशियां इसमें समाहित है तो दूसरी ओर जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष प्राप्ति का अद्भुत पूर्व उत्सव का हर्ष इसमें छुपा हुआ है। वहीं विश्व का सबसे प्राचीन संवत् वीर निर्वाण संवत इसी त्योहार के साथ प्रारंभ होता है।उक्त जानकारी देते हुए डॉक टिकट संग्राहक ओम पाटोदी ने बताया कि भारतीय डाक विभाग ने इस त्योहार पर सर्व प्रथम वर्ष २००८ में एक पांच रुपए मुल्य वर्ग का व बाद में २०१७ में दुसरा टिकट २५ रूपए मूल्य वर्ग का जारी किया इसके साथ ही विदेश की बात करते हैं तो हम पाएंगे कि इसराइल सरकार ने वर्ष २०१२ में २०१६ में सिंगापुर, २०१७ में श्री लंका, २०१८ में यूनाइटेड नेशन, वर्ष २०२० कनाडा व फिजी आदि देशों ने अपने देश में विशेष डाक टिकट जारी किए हैं। वहीं इस वर्ष कनाडा व न्यूजीलैंड दिपावली के अवसर पर टिकट जारी कर रहे हैं। जो अपने आप में इस अद्भुत है व इस त्योहार की लोकप्रियता को प्रदर्शित करता है। इसराइल व कनाडा सरकार ने भारत के साथ संयुक्त रूप से डाक टिकट जारी किए हैं।भारत का प्रकाशोत्सव विदेशों में भी है लोकप्रिय।दीपावली पर कई देशों की सरकारों ने किए हैं डाक टिकट एवं सिक्के जारी।विश्व का सबसे प्राचीन संवत् वीर निर्वाण संवत २५४८ होगा प्रारंभ।बदनावर। भारतीय संस्कृति की विश्व परीक्षेप्य में देखे तो अपने आप में एक अलग ही पहचान है। यहां विविध भाषाओं बोलियों का समागम है। वहीं यहां के त्योहार भी विविधता भरे हैं तो है ही साथ ही प्रकृति व मौसम के साथ भी संगति बिठाते हुए प्रतीत होते हैं और आपसी मेल-मिलाप का बहुत ही सुनियोजित पहलु अपने आप में छिपाए हुए है। यही वजह है कि विश्व के अन्य देश इन तीज त्यौहार से आकर्षित होते रहे हैं। दिपावली का त्योहार जहां आपने में धार्मिक आस्थाओं को पोषित करता है। भगवान राम की विजय और अयोध्या आगमन की खुशियां इसमें समाहित है तो दूसरी ओर जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष प्राप्ति का अद्भुत पूर्व उत्सव का हर्ष इसमें छुपा हुआ है। वहीं विश्व का सबसे प्राचीन संवत् वीर निर्वाण संवत इसी त्योहार के साथ प्रारंभ होता है।उक्त जानकारी देते हुए डॉक टिकट संग्राहक ओम पाटोदी ने बताया कि भारतीय डाक विभाग ने इस त्योहार पर सर्व प्रथम वर्ष २००८ में एक पांच रुपए मुल्य वर्ग का व बाद में २०१७ में दुसरा टिकट २५ रूपए मूल्य वर्ग का जारी किया इसके साथ ही विदेश की बात करते हैं तो हम पाएंगे कि इसराइल सरकार ने वर्ष २०१२ में २०१६ में सिंगापुर, २०१७ में श्री लंका, २०१८ में यूनाइटेड नेशन, वर्ष २०२० कनाडा व फिजी आदि देशों ने अपने देश में विशेष डाक टिकट जारी किए हैं। वहीं इस वर्ष कनाडा व न्यूजीलैंड दिपावली के अवसर पर टिकट जारी कर रहे हैं। जो अपने आप में इस अद्भुत है व इस त्योहार की लोकप्रियता को प्रदर्शित करता है। इसराइल व कनाडा सरकार ने भारत के साथ संयुक्त रूप से डाक टिकट जारी किए हैं।
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