April 28, 2024

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भगवान शिव जी द्वारा माता पार्वती जी से कहा कि जो व्यक्ति अपने जीवन काल में 11 गौ माता को वर्ष बचा लेता है वह मेरा ही स्वरूप प्राप्त कर लेता है-संत श्री नागर

बदनावर। सनातन संस्कृति के पोषक गौ भक्त परम पूज्य संत श्री प्रभु जी नागर ने आज ग्राम सतना में भागवत कथा के पांचवे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के बीच भागवत कथा का सरल शब्दों में महत्व बताया। संत श्री ने कहा कि भगवान शिव जी द्वारा माता पार्वती जी से कहा कि जो व्यक्ति अपने जीवन काल में 11 गौ माताओं को व से बचा लेता है वह मेरा ही स्वरूप प्राप्त कर लेता है। संत श्री ने कहा कि कुछ ऐसा करो कि गौ माता की रक्षा हो जिस प्रकार नाव में लगी किल जब सिद्ध हो जाती है घोड़े के पांव में लगी नाल सिद्ध हो जाती है तो है मानव तू भगवान के चरणों में क्यों नहीं जाता क्या भगवान के चरणों से ज्यादा नाव की कील को घोड़े की नाल ज्यादा सिद्ध हो गई तू भगवान के चरणों में जा कर तो देख तुम्हारा उद्धार भी हो जाएगा। मनुष्य को अपने प्रारंभिक दोष को रोक देना चाहिए नहीं तो बाद में यही दोष बहुत बड़े हो जाते हैं। आगे संत श्री ने कहा कि सिंग वाले पशुओं से 10 कदम दूर एवं कुत्ते से 8 कदम दूर और मूर्ख व्यक्ति से 60 कदम दूर रहना चाहिए यदि आप भगवान को मानते हो तो आज से किसी भी बात का बुरा मत मानना। जीवन में अगर कोई मनोकामना पूरी नहीं होती हो तो भगवान के मंदिर में जाकर अपना एक अवगुण भगवान के चरणों में छोड़ दो आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी। संत श्री ने कहा कि आज के नव युवा लड़कों के उटपटांग बाल दाढ़ी रखने से हमारी सनातन संस्कृति का नाश हो रहा है हमारे बुजुर्गों ने सनातन धर्म के लिए शीश कटा लिए तो क्या आप दाढ़ी भी नहीं कटवा सकते दाढ़ी हत्यारा को स्वरुप है। साथ ही ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास रखने का श्रद्धालुओं से अनुरोध किया। बीच-बीच में संत श्री के मधुर भजनों से जन समुदाय झूम उठा आज संदला के अलावा विभिन्न दूर दूरदराज गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं कथा सुनने के लिए आए । 6 परिवारों द्वारा रात को रुके हुए श्रद्धालुओं की निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम में लाबरिया गौशाला के आदिवासी गोसेवक पीरु पटेल, शेर सिंह डामोर, कनीराम भगत, नंदराम भगत, मकन सिंग, शंकरलाल चरपोटा ,देवीलाल ओसारी, गोपाल पीरा ,ओछमलाल का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का कोई चंदा नहीं लिया जा रहा है। ज्ञात रहे प्रभु जी नागर मालवा के संत श्री कमल किशोर जी नागर के पुत्र हैं।

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