रतलाम। रतलाम में मूसलाधार बारिश ने लोगों को बुरी तरीके से प्रभावित कर दिया है. नालों में आए उफान से रविवार को जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हो गई.यहां यात्री जहां थे वहीं फंस गए. भारी बारिश की वजह से रतलाम सहित जिले के कई अन्य हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है पानी के बहाव से सड़कों पर रखें वाहन तेरते दिखाई दे रहे थे. समय पर प्रशासनिक अमला और आपदा प्रबंधन जुट गया था।कलेक्टर, एसपी नगरनिगम आयुक्त कॉलोनियों में प्रभावित लोगों को सहायता देने में जुटे रहे। इस बीच,भारी बारिश के चलते सड़कों के जलमग्न हो जाने पर परेशान परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जिला प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ता अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे थे,कहीं प्रभावित लोगों के खाने की व्यवस्था हो रही थी तो कहीं पिडित परिवार को मदद में लोग लगे थे. बारिश के दौरान जिले में अलग-अलग स्थानों पर से बाढ़ के हालात के फोटो वाट्सअप पर शेयर हों रहें थे।साथ ही आफत की इस बरसात ने जिला प्रशासन की पोल खोल कर रख दी, चारों और हाहाकार हो गया, शहर के आपदा प्रबंधन के इंतजामात भी नाकाम साबित हो गए। बारिश से प्रभावित लोग निगम प्रशासन की अकर्मण्यता को लेकर अपना गुस्सा निकाल रहे थे, महज बारह घण्टे की बारिश ने शहर की सुरत ही बदल डाली, गनीमत यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, जैसे पूरा शहर थम सा गया था, निचली बस्तियों के हालात बद से बदतर थे, कोई घरों में घुसे पानी को निकालने में तो कोई छत से टपकती बूँदों को रोकने में लगा था, तो कोई मशीन लगाकर घर में घुसे पानी को निकालने का प्रयास कर रहा था, चारों और बाढ़ के हालात थे हर क्षेत्र की सड़कों पर कमर तक पानी था, बारिश के कहर ने शहर के नालों को ओवरफ्लो कर दिया नतीजा यह हुआ कि लोगों के घरों में पानी भरने लगा, आफत की बारिश ने रेलवे की पटरियों पर बहती हुई नदियों के हालात पैदा कर दिए, बसें जहां थीं वहीं खड़ी रह गई, मौसम विभाग की बार-बार की चेतावनियों के बावजूद भी प्रशासन की निष्क्रियता ने व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी। भारी बारिश से निपटने के लिए कोई ठोस प्रयास नही किए गए, जिसका खामियाजा शहर की जनता ने भुगता।गली मोहल्लों और चोराहों से लगें नालों की सफाई में कर्मचारियों की अनदेखी या लापरवाही ने नगर निगम के आला अधिकारियों की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। आपदा प्रबंधन भी नाकाम साबित हुआ,शहर के हालात पूरी तरह से बदले हुए थे। शहर के न्यू रोड़ व शास्त्री नगर क्षेत्र में तो नदी की तस्वीर नजर आ रही थी। लोगों के निवास में घुटनों तक पानी था, बाढ़ के ऐसे हालात में सड़कों पर रखें वाहन बह रहे थे, कोई वाहन को पकड़े हुए खड़ा था तो कोई वाहन को पकड़ने में खुद बहने लगा था, डीआरएम कार्यालय से लेकर न्यू रोड़, लोकेन्द्र टॉकीज क्षेत्र में पानी जब घुटने के ऊपर तक पहुंच कर दुकानों और शोरुमों में घुसने लगा था चौमुखीपुल, घांस बाजार, भरावा की कुई पर हालत बद से बदतर थे, इसके बाद यहां बैरीकेट आदि लगाए जाकर लोगों को रोका गया।
More Stories
देवास का पुरुष प्रधान आबकारी विभाग, क्या महिला अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित को सफल होने देगा?
लोकसभा चुनाव को लेकर विधानसभा के शक्ति केंद्रों की कार्यशाला संपन्न
चेक अनादरण के मामले में नगर कांग्रेस अध्यक्ष बाफना को 6 माह की सजा