तिलगारा ( राजेश चौहान )* तिलगारा में किसी भी पार्टी चाहे वह कांग्रेस हो भाजपा हो या अन्य पार्टी हो दमदार नेतृत्व नही होने के कारण गांव पिछड़ा हुआ है यहा के सभी छूट भैय्या नेता जी हजूरी में लगे रहते है जिसके चलते गांव में कोई प्रभावी एवं दमदार नेता नही पैदा हुआ यहाँ के नेताओं की नेतागिरी भी तो कुछ दूरी तक ही सिमित है तभी तो यह गांव कई मूलभुत सुविधाओं से वंचित है जिसका जीता जागता उदाहरण समीप के गांवों में देखने को मिल जाता है जबकि कोरोना काल मे कई गांवों में वहाँ के नेताओं ने अपने दमदार नेतृत्व के चलते मंत्री जी से कई सौगाते ली लेकिन तिलगारा के नेता गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र पर एक ढंग का चिकित्सक भी नही ला पाए यहां जो कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर नियुक्त है उसका भी भगवान मालिक है क्योंकि वो भी अधिकतर नरादर रहते है ऒर तो और वर्तमान में डेंगू जैसी भयानक बीमारी के चलते किसी भी नेता की हिम्मत नहीं होती है की वह ग्राम पंचायत को कीटनाशक दवाओं के छिटकाव व धुंआ करने का बोल सके है हा एक बार ग्राम पंचायत ने औपचारिकता के तौर पर कही कही धुंवा जरूर किया था वही भी मीडिया कर्मी द्वारा समाचार प्रकाशित करने के बाद जबकि यह गांव राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त निर्मल गांव हैं यदि अच्छी पकड़ वाला नेता होता तो आज आज गांव की इतनी दयनीय स्थिति नही होती।
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