बदनावर। वातावरण शुद्धि कोरोना से बचाव के लिए, प्रतिदिन यज्ञ करो यज्ञ संपूर्ण वातावरण को शुद्ध कर विषैले रोगाणु, वायरस को समाप्त करता है। कई असाध्य बीमारियों से बचाव प्रतिदिन यज्ञ करने से संभव है। उक्त विचार अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार से आदरणीय शैल दीदी के द्वारा नियुक्त शांतिकुंज प्रतिनिधि नरेंद्रसिंह , सुनील शर्मा ने शक्तिपीठ बदनावर में अपने प्रवास के दौरान व्यक्त किए। आपके साथ श्रीकृष्ण शर्मा झोन समन्वयक एवं शांतिलाल विश्वकर्मा जिला समन्वयक भी थे। गायत्री शक्तिपीठ बदनावर पहुंचने पर आपका रोली कंकु तिलक, अक्षत व पुष्पहार एवं गायत्री मंत्रोच्चार के साथ किया गया। गायत्री शक्ति पीठ बदनावर के संयोजक सुभाष शर्मा के नेतृत्व में वरिष्ठ गायत्री परिजन , माता एवं बहने बड़ी संख्या मे उपस्थित थी। माता गायत्री की पूजन अर्चन एवं परम पूज्य गुरुदेव श्री राम शर्मा एवं प्रातः वंदनीय माता जी की वंदना के उपरांत। आपने संगोष्ठी के माध्यम से बताया कि पूज्य शैल दीदी ने गायत्री परिजनों के इस कोरोना संक्रमण के दौरान काफी परेशानियां झेली है उनसे जीवंत संपर्क टूट सा गया है शांतिकुंज हरिद्वार का। इस हेतु 09 टोलिया बनाकर संपूर्ण मध्यप्रदेश में हम अपने गायत्री परिजन से सीधे संपर्क कर रहे हैं। आपने बताया की युग परिवर्तन की बेला है और इसमें विध्वंस और सृजन दोनों होंगे, हमें उस विध्वंस से बचाने में दो दिव्य कर्म है जिसमें घर-घर प्रतिदिन यज्ञ किया जाए और गायत्री महामंत्र के जाप से दिव्य शक्ति प्राप्त की जाए यह दोनों कार्य हमारे आत्मविश्वास आत्म बल, सकारात्मक सोच ,हिम्मत, भयमुक्त बनाती है। परम पूज्य गुरुदेव ने कहा है कि जीवन साधना का निचोड़ है इसलिए प्रत्येक साधक भी समाज में हर व्यक्ति को इनसे जोड़ें और इस धरा को सकारात्मक सोच से स्वर्ग का स्वरूप दें । गायत्री उपासना यज्ञ और परम पूज्य गुरुदेव के साहित्य का अध्ययन यह कार्य एक श्रेष्ठ समाज, एक श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। आप ने वेद पुराण और प्रज्ञा पुराण के शिक्षा से सतयुग, द्वापर युग ,त्रेतायुग और कलयुग इनकी सूक्ष्म व्याख्या करते हुए युग परिवर्तन की बेला में अब कलयुग से सीधे सतयुग की ओर प्रस्थान हेतु हमें अखिल विश्व गायत्री परिवार के साथ संयम और साधना का पथ बनाकर सकारात्मक विचारों को समाज में लेकर चलना होगा ।आपका बौद्धिकता से भरपूर उद्बोधन सभी परिजनों को अभिभूत कर गया कई उदाहरण , रोचक प्रसंग जो सतयुग और त्रेता युग के थे उनका भी उल्लेख अपनी मधुर वाणी में किया श्रीकृष्ण शर्मा झोन समन्वयक ने भी अपने विचारों के साथ प्रत्येक परिवार को जोड़ने हेतु आपने उद्बोधन में घर-घर यज्ञ, बाल संस्कार ,जन्मदिन मनाना, पूर्णिमा, अमावस्या ,,एकादशीको गायत्री मंत्र का जाप, प्रजा मंडल का निर्माण, महिला मंडल का गठन और घर-घर यज्ञ कर परिजनों को जोड़ने का आह्वान किया।उपरोक्त जानकारी पीठ के प्रवक्ता प्रदीप पांडेय् द्वारा दी गई।
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