धार राकेश तिवारी। भोजशाला की मुक्ति और उसके गौरव तथा माँ वाग्देवी की पुनर्स्थापना हेतु दृढ़ संकल्पित महाराजा भोज स्मृति बसन्तोत्सव समिति द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी परम्परागत रूप से पवित्र श्रावण मास के तृतीय सोमवार को धार के प्राचीनतम शिवालय नागचंद्रेश्वर मन्दिर से मातृशक्ति समरसता कावड़यात्रा का आयोजन किया गया।सर्वप्रथम कावड़ में माँ नर्मदा जी का पवित्र जल भरकर कावड़ की पूजा ,अर्चना कर में सम्पन्न की।कावड़यात्रा का यह अष्टम वर्ष था,वैश्विक महामारी कोरोना के विनाश के संकल्प के साथ इस वर्ष कावड़यात्रा का आयोजन किया गया।नागचन्द्रेश्वर मन्दिर से कावड़यात्रा परम्परा अनुसार नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई भोजशाला पहुँची । कावड़यात्रा में शासन के समस्त नियमों अर्थात शारिरिक दूरी,मास्क,सनेटाइज का पालन किया गया।कावड़यात्रा में सम्मिलित समस्त धार्मिक धर्मपरायण माता बहनों द्वारा पुरातत्व विभाग के नियमों का पालन करते हुये प्रति बार 5-5 की संख्या में भोजशाला दर्शन किए गये।अखण्ड संकल्प ज्योति मन्दिर पर माता बहनों को जलपान व अल्पाहार करवाया गया।पश्चात पुनः कावड़यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई नगर के प्राचीन शिवालय,धार के अधिपति भगवान धारनाथ मन्दिर पर पहुँची। भगवान धारनाथ का माँ नर्मदा के पावन जल से जलाभिषेक कर भगवान धारनाथ से वैश्विक महामारी कोरोना के विनाश एवं सभी को निरोग रखने की प्रार्थना की गई।
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