October 18, 2024

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साल में केवल एक बार खुलने वाले नागचंदेश्वर मंदिर के कपाट आज रात 12 बजे खुलेंगे

 

उज्जैन। साल में केवल एक दिन 24 घंटे के लिए खुलने वाले उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट आज रात 12 बजे खुलेंगे। ये मंदिर साल में एक बार यानी नागपंचमी पर ही खुलता है। इस मंदिर में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

नागपंचमी पर्व पर भगवान नागचंद्रेश्वर के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। साल में एक बार खुलने वाले मंदिर हर साल दर्शन के लिए करीब लाखों श्रद्धालु आते है। माना जाता है कि भगवान नागचंद्रेश्वर के इस दुर्लभ दर्शन से कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष खत्म हो जाता है। नागपंचनी का पर्व आनंद- उमंग और आस्था के साथ मनाया जाता।

रात 12 बजे खुलेंगे मंदिर के पट

नागपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर के तीसरे खंड पर स्थित भगवान नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट आज 8 अगस्त की मध्यरात्रि को खोले गए। भगवान नागचंद्रेश्वर की विधि – विधान से पूजा- अर्चना के बाद दर्शनार्थियों के लिए दर्शन शुरु होंगे। यह मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी पर्व पर ही खोला जाता है। सिर्फ इसी दिन मंदिर की दुर्लभ और अलौकिक प्रतिमा के दर्शन श्रद्धालुओं को होते हैं।

भगवान शिव नाग शैया आपके विराजित है

महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा 11वीं शताब्दी की है। इस प्रतिमा में फन फैलाए हुए नाग के आसन पर शिव के साथ देवी पार्वती बैठी है। संभवतः दुनिया में ये एक मात्र ऐसी प्रतिमा है, जिसमें शिव जी नाग शैया पर विराजित हैं। मंदिर में भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश और फन फैलाए सप्तमुखी नाग देव है। इसके साथ ही दोनों के वाहन नंदी और सिंह भी विराजित हैं। इस प्रतिमा में भगवान शिव के गले और भुजाओं में भी नाग लिपटे हुए है।

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