बदनावर की सब्जी मंडी प्याज की आवक से दमकी
40 हजार कटटों की आवक रही भाव 2600 रूपए प्रति क्विंटल मिले
बदनावर (पुरुषोत्तम शर्मा) | प्याज की कहानी भी बड़ी अजीब है। प्याज जो कभी सरकारें की गिरनें की वजह बन चुका है तो कभी प्याज उत्पादकों को रूलाता है। केंद्र सरकार द्वारा गत माह निर्यात से प्रतिबंध हटाए जाने पर इसके भाव बढ़ने की उम्मीद में बड़ी संख्या में किसानों ने गोदामों में स्टोर कर लिया था। लेकिन पिछले एक पखवाड़े से गोदामें रखा हुआ प्याज में अचानक से सड़न लगना चालू हो गई है।
प्याज खराब होने के डर से किसान बड़ी संख्या में मंडियों की और रूख कर रहे है। सोमवार को यहां सब्जी मंडी में करीब 40 हजार से अधिक कटटों की आवक हुई है। आवक का दबाव इंदौर के साथ रतलाम मंडी में भी बना हुआ है। जिस भाव की उम्मीद किसान कर रहे थे उसमें आशातीत तेजी का दौर जारी है लेकिन अफसोस यह हो रहा है कि प्याज में सड़न की रफतार कम नही हो रही है। जिससे प्याज उत्पादक अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे है।
सरकार की तरफ से पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए दिसबंर 2023 में प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। किंतु लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने देश के प्याज किसानों के लिए राहत भरा फैसला लेते निर्यात से प्रतिबंध कुछ शर्तो के साथ हटाया था। तथा केंद्र छ देशों बांग्लादेश, यूएई, भूटान, बहरीन, मारिशस और श्रीलंका में निर्यात करने की अनुमति दी। इसका असर स्थानीय बाजार में भी हुआ और आज प्याज 2200 से 2600 रूपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। दरअसल, प्याज का मामला बड़ा संवेदनशील है. यह कई बार सरकारों के गिरने की वजह बन चुका है तो कई बार ज्यादा उत्पादन से कीमतें जमीन पर आ जाने से किसान प्याज को खेत में ही छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नही है सरकार भी साथ दे रही है तथा दाम भी बेहतर मिल रहे है लेकिन गोदामों मंे रखा प्याज में सड़क लगने से कुछ किसान इसे फंेकने पर मजूबर हो गए। हालाकि जानकार बताते है कि प्याज उन गोदामों में हंी अधिक खराब हुआ है जहां लगातार भीषण गर्मी के दौरान 24 घंटे पंखे चलते रहे। भाप के कारण जमीन सतह पर रखा प्याज धीरे धीरे पानी छोड़ने लगा और फंगस लगने के कारण तेजी से खराब होने लगा। इसकी बदबू आने पर किसानों के होश उड़ गए जब गोदाम देखकर प्याज की दशा ही खराब हो गई। ताबड़तोड़ किसानों ने प्याज निकलवाया और छंटनी करवाकर खराब प्याज फेंक दिया और जो बचे उसे सीधे मंडी में लाकर बेच दिया। प्याज खराब होने की बात आग की तरह फैल गई। इसलिए अब किसान कोई रिस्क नही लेते हुए जल्द से जल्द प्याज बेच रहे है ताकि अधिक नुकसानी से बचा जा सके। इधर प्याज की रफतार यदि इसी तरह खराब होती रही तो इस बार रक्षाबंधन से पूर्व सभी प्याज मंडियों में बिक जाएगा। और नए प्याज आने में समय लगेगा एसे में इसके भाव में और वृद्धि के आसार बनेंगे।
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