March 29, 2024

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धार का सूर्य मुबंई में चमका, जवाहर नवोदय विद्यालय मुलथान के छात्र ने लिखी है फिल्म द केरल स्टोरी की कहानी

बदनावर ( पुरुषोत्तम शर्मा )। गत पांच मई को देश भर में रिलीज हुई फिल्म द केरला स्टोरी की इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। धर्मातंरण और इस्लामिक स्टेट के आंतकवादियों के सेक्स क्लेव के रूप में केरला की लड़कियों की कहानी को इस फिल्म में दिखाया गया है। इसके लेखक सूर्यपालसिंह सिसोदिया है जो जवाहर नवोदय विद्यालय मुलथान के विद्यार्थी रह चुके है। मूलतः धार के रहने वाले सिसोदिया मुबंई में फिल्मों की कथा, पटकथा और संवाद लेखन का कार्य कर रहे है। चर्चा में उन्होंने बताया कि वर्ष 1997 में कक्षा 6 टी में जवाहर नवोदय मुलथान में प्रवेश लेकर वर्ष 2004 तक स्कूली शिक्षा यहीं से पूरी की। कक्षा पांचवी से ही मुझे कविता का शौक लग गया था। नवोदय के संगीत शिक्षक प्रदीप जोशी और आरएस केशकर ने मेरे अंदर छुपे हुनर को पहचान कर मुझे मंच उपलब्ध करवाया। विद्यालयीन कार्यक्रमों सहित मुलथान पंचायत के गणतंत्र दिवस समारोह और अन्य सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने लगा। इससे मेरी संगीत कला और लेखन में रूचि बढ़ने लगी। भविष्य में  रचनात्मक क्षेत्र को आगे की पढ़ाई के लिए चुना और संबंध्ंिात डिग्रिया भी प्राप्त की। एफटीआई पूणे से प्रशिक्षण प्राप्त कर मुबंई का रूख किया। सौभाग्य से मुझे संघर्ष नही करना पड़ा और स्टार प्लस टीवी चैनल में लेखन का काम मिल गया। चार साल काम कर नौकरी छोड़ दी और स्वतंत्र लेखन शुरू किया। वर्ष 2018 में राजस्थान में जल समस्या पर बनी फिल्म टर्टल के लिए संवाद लिखे तथा 2019 में इस फिल्म को बेस्ट रीजनल फिल्म श्रेणी में नेशनल अवार्ड मिला। इसके बाद मेक इन इंडिया की पृष्ठभूमि पर बनी रोमांटिक कामेडी फिल्म वाह जिदंगी के संवाद लिखे ये दोनों फिल्में ओटीटी प्लेटफार्म पर है। इन फिल्मों को देखकर प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सुदीप्तो सेन ने 2019 में मुझे द केरला स्टोरी की पटकथा लिखने के लिए बुलवाया। सुदीप्तो सेन की सात साल की रिसर्च और मेरे तीन साल के परिश्रम से फिल्म की पटकथा और संवाद तैयार हुए। फिल्म प्रदर्शित होने के बाद दर्शकों और समीक्षकों की अच्छी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। अभी तीन फिल्में और है जिन पर कार्य चल रहा है। शीघ्र ही इनकी घोषणा हो जाएगी। सिसोदिया ने कहा कि किसी भी इंसान को स्थापित करने के लिए शिक्षा सर्वोच्च माध्यम होती है। जवाहर नवोदय विद्यालय मुलथान में रहकर ही मुझे अपने अंदर की प्रतिभा को निखारने का अवसर मिला।

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