May 14, 2024

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चांदमलजी जैन फुलजीबा के जन्म शताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित पांच दिवसीय गीताई मिशन सम्मेलन एवं सर्वोदय दृष्टि शिविर का समापन

बदनावर। सर्वोदय स्व, चांदमल जैन फुलजीबा के जन्म शताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित पांच दिवसीय गीताई मिशन सम्मेलन एवं सर्वोदय दृष्टि शिविर का समापन 23 नवंबर को सम्पन्न हुआ समापन सत्र मे भूदान आंदोलन के प्रणेता विनोबा भावे कृत गीताई ग्रंथ एव गीताई मिशन पर पवनार वर्धा आश्रम से पधारे विद्वजनो के प्रवचन हुऐ । विनोबाजी की शिष्या  ब्रह्मचारिणी पूज्या ताई भाविनी पारेख ने गीतासार पर अपने उदबोधन मे कहा कि वर्तमान अंतर्कलह के अंधकार मे गीता मानव जाति के लिए प्रकाश स्तंभ के समान हे । जो जिस क्षेत्र मे कार्यरत हे वहा पूर्ण मनोयोग से कर्म करना तथा निष्काम भाव से उस क्षेत्र की कमीयो को दूर करना ही गीता का सार हे। ब्रह्मचारिणी मैथिली वीसी ने कहा कि गीता युद्ध नही शांति प्रेम और सहअस्तित्व का ग्रंथ हे । आज के युग के हिसाब से गीता को सही एवं प्रासंगिकता के साथ समझना जरूरी हे। कैलाश भारती ने कहा कि वैचारिक साम्यता एवं परस्पर मैत्री भाव ही गीता का मूल सार है ।वर्धा से ही पधारे सर्वोदय रविभाई ने जीवन को सादगी पूर्ण त्याग तपस्या और बलिदान की भावना से जीने का लक्ष्य ही गीता रहस्य है इस अवसर पर भारत जैविक कृषि समाज के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर आंबा ने जैविक खेती पर जानकारी देते हुए प्रदेश स्तर पर इस हेतु किऐ गऐ प्रयास की जानकारी दी तथा बताया कि मार्च मे कृषि महाविद्यालय इंदौर मे इस हेतु कन्वेंशन आयोजित किया गया है ।इस अवसर पर शिविर मे अपनी उल्लेखनीय सेवा देने के लिए चेतन राका, विशाल श्रीश्रीमाल राहुल डोसी ,विश्वास जैन,मितेश मण्डलेचा, सुदीप मेता ,जय मेता | अभिशेख अज्ञानी,  कैलाश आदमी,  शांतिलाल सोनी ,डॉ. सी एस गगंराडे, एवं सभी शिविरार्थियो का सम्मान किया। संचालन राजेश जैन ने किया तथा आभार डाक्टर पवनजैन ने माना ।

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