बदनावर। सनातनी संस्कृति के पोषक गौ भक्त परम पूज्य संत श्री प्रभुजी नागर ने आज ग्राम संदला में भागवत कथा के प्रथम दिन खचा खच भरे पांडाल में श्रोताओं के बीच भागवत कथा का महत्व सरल शब्दों में बताया अपने प्रवचन में संत श्री ने कहा कि भागवत कथा एक पिडी नहीं कई पीडीयों के मोक्ष की कथा है। जिस प्रकार राजा परीक्षित को यह पता था कि तक्शक नाग आएगा और मुझे डसेगा पर राजा नाग के डर से विचलित नहीं हुए कथा के प्रभाव के कारण एक चित होकर कथा का रसपान करता रहे आगे संत श्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी मे ढेड अक्षर का प्रचलन हो गया है क्यों और क्या मंदिर क्यों जाएं और भगवान क्या है। इससे बचने का और ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास रखने का श्रद्धालुओं से अनुरोध किया बीच-बीच में संत श्री द्वारा सुंदर मधुर भजनों के गाने से उपस्थित जन समुदाय झूम उठा आज संदला के अलावा विभिन्न दूर दराज के गांवों से श्रद्धालु सुनने के लिए आये ।उक्त कार्यक्रम की एक बड़ी विशेषता है कि युवा वर्ग को सेवा सेवा कार्य की समस्त जिम्मेदारी दी गई । यजमान 6 परिवारों द्वारा रात को रुके हुए श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई। कथा का दोपहर 12 से 3 बजे तक चलेगी उक्त कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का कोई चंदा नहीं लिया गया है।
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