January 19, 2025

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गणपति घाट पर अब हादसों पर लगेगी लगाम, कल से वैकल्पिक मार्ग से जावक शुरू, केंद्रीय राज्यमंत्री ठाकुर करेंगी उद्घाटन

धामनोद से इंदौर जाने वाले कार व बाइक के लिए एक लेन रहेगी,जबकि तीन लेन बड़े वाहनों के लिए होगी, 8.8 किलोमीटर के वैकल्पिक मार्ग होगा शुरू

धार। राऊ-खलघाट मार्ग पर मौत के गणपति घाट पर हादसे रोकने का नया मार्ग तैयार हो गया है। वैकल्पिक नया मार्ग से जैसे ही आवाजाही शुरू होगी। मुंबई-आगरा के फोरलेन पर अब हादसों पर लगाम लग जाएगी। 30 नवंबर को सुबह 10 बजे देश के सबसे बड़े ब्लैक स्पाट गणपति घाट से वाहनों की धामनोद की ओर जावक बंद कर दी जाएगी। हादसे रोकने के लिए बनाए गए 8.8 किलोमीटर लंबस वैकल्पिक मार्ग से जावक शुरू की जाएगी। इसका लोकार्पण केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर करेंगी। उल्लेखनीय है कि गणपति घाट हादसों का पर्याय बन चुका था। लगातार 15 साल से यहां पर हादसे हो रहे थे। ऐसे में विभिन्न स्तरों पर। किए गए प्रयासों के चलते गणपति घाट के हादसों को रोकने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग तैयार किया गया है। यह मार्ग बनकर तैयार हो चुका है। वैकल्पिक मार्ग से इंदौर से होकर धामनोद की ओर वाहन जाएंगे। करीब 106 करोड़ रुपये की लागत से यह मार्ग बनाया गया है। जैसे ही यह मार्ग शुरू होगा, हादसों की आशंका समाप्त हो जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण खुद मानता है कि यह देश का सबसे बड़ा ब्लैक स्पाट है। राहत की बात यह है कि इसका 30 नवंबर को लोकार्पण हो जाएगा और वाहनों का जाना शुरू हो जाएगा। इस मार्ग से प्रतिदिन करीब 18 हजार से अधिक वाहन होगा, गुजरते हैं। 30 नवंबर को सुबह केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर और जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी इसका उद्घाटनकरेंगी। उद्घाटन के बाद वाहन चालकों को इस खतरनाक रास्ते से गुजरने में राहत मिलेगी वही हादसों पर भी पूरी तरह से लगाम लगने की उम्मीद जताई जा रही वही अब तक 3650 हादसे हो चुके हैं जिसमे 15 सालों में, 1850 से ज्यादा लोग घायल हो चुके है 18,000 वाहन इस सड़क से हर रोज गुजरते हैं।

15 सालो में यह हुई बड़ी घटना,345 लोगों की जान जा चुकी है

15 वर्षों में हुए प्रमुख हादसे गणपति घाट पर पिछले 15 वर्षों में कई हादसे हुए हैं, जिनमें से कुछ तो इतने भयावह थे कि वे कभी भुलाए नहीं जा सकते। इन हादसों में अक्सर वाहनों के ब्रेक फेल होने के कारण वाहन एक-दूसरे सेटकरा जाते थे। कई बार आग लगने की घटनाएं भी सामने आई जिनमें चालक अपनी जान गंवा बैठते थे। वही अब तक जिंदा जलकर मरने वाले 16 लोग कि जीवन लीला समाप्त हुई है। 25 दिसंबर 2023 को गंभीर हादसा में एक ट्राला घाट की चढ़ाई चढ़ते वक्त पांच वाहनों को अपनी चपेट में ले आया। इस हादसे में तीन लोग जिंदा जलकर मारे गए। यह हादसा टोल कर्मचारियों और फायर ब्रिगेड के प्रयासों के बावजूद हुआ। 7 नवंबर 2022 एक परिवार के पति-पत्न ी और उनके दो बच्चों की मौत हो गई। 4 सितंबर 2024 एक ट्रक ने पीछे से कार को टक्कर मारी, जिससे कार पलट गई। इस हादसे में मां और 7 साल के बेटे की मौत हो गई, जबकि पिता और ससुर गंभीर रूप से घायल हुए। 10 मई 2017 एक दूल्हे को लेकर जा रही कार को पीछे से एक ट्राले ने टक्कर मारी, जिससे कार ट्रक में घुस गई। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हुई, जिनमें दूल्हा और उसका परिवार शामिल था। इस सड़क पर ऐसी कही छोटी मोटी घटना शामिल है। गणपति घाट पर होने वाले इन हादसों से हर किसी के दिल में एक डर बैठा था, लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि नई सड़क बनने से इन खतरनाक हादसों पर काबू पाया जाएगा और वाहन चालक सुकून से इस मार्ग से गुजर सकेंगे।

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