September 8, 2024

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पर्यावरण प्रेमियों की मेहनत रंग लाई अब नहीं काटेंगे 29 हजार पेड़, मंत्री-विधायकों के बंगले कहीं और बनेंगे

कई दिनों से चल रहा था चिपको आंदोलन

भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब मंत्रियों और विधायकों के बंगले बनाने के लिए 29 हजार पेड़ों को नहीं काटा जाएगा। पर्यावरण प्रेमी लगातर पेड़ बचाने की गुहार लगा रहे थे।

प्रदेश सरकार ने 29 हजार पेड़ों को काटकर मंत्रियों और विधायकों के बंगले बनाने का निर्णय वापिस ले लिया है । राजधानी के शिवाजी नगर और तुलसी नगर के सरकारी मकानों को तोड़कर यहां सरकारी बंगले बनाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए 29 हजार पेड़ों को भी काटा जाना था। आम जन लगातार इन पेड़ों को काटे जाने का विरोध कर रहे थे। लोगों को अब सफलता मिली है। इस मामले में अब प्रदेश सरकार ने अपना फैसला बदल दिया है। राज्य सरकार में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसकी जानकारी दी।

अब मंत्रियों और विधायकों के बंगलों के लिए किसी और जगह का चुनाव किया जाएगा।

प्रदेश सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के बंगले बनाने 2,378 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। यह बंगले तुलसी नगर-शिवाजी नगर की 297 एकड़ जमीन पर बनाए जाने थे। इस प्रोजेक्ट के लिए 29 हजार पेड़ों को काटना पड़ता। इसके अलावा 2,267 सरकारी मकानों को भी तोड़ा जाना था।

प्रोजेक्ट के अंतर्गत मंत्रियों के 30 बंगले, 16 फ्लैट और विधायकों के लिए 230 फ्लैट बनाने का निर्णय हुआ था। हालांकि अब यह निर्णय बदल दिया गया है। कैलाश विजयवर्गीय ने बताया पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ों को न काटने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है। बंगले बनाने के लिए किसी और स्थान का चयन होगा।

पेड़ों को काटने के विरोध में लगातार राजधानी भोपाल में विरोध चल रहा था। 5 नंबर बस स्टॉप और नूतन कॉलेज के पास धरना दिया गया। इस दौरान महिलाएं पेड़ों से चिपक कर भावुक होती नजर आई।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा समेत कांग्रेस के कई नेता इस विरोध में शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन पिछले सप्ताह बुधवार (12 जून) से चल रहा था।

कई दिनों से चिपको आंदोलन चल रहा था

पेड़ों को काटने के निर्णय के विरोध में लोग कई दिनों से चिपको आंदोलन चला रहे थे। महिलाओं ने ऐलान कर दिया था कि चाहें जान चली जाए लेकिन हरियाली नहीं उजड़ने देंगे।

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