October 19, 2024

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भगवान की खूब भक्ति बढे आज आप कथा में बैठे और एक दिन ऐसा आया कि आप भगवान के चरणों में बैठो – पंडित प्रभु जी नागर

 कल नव युगल प्रीतीबाला ओर अर्जुन पाटीदार पंडित प्रभु जी नागर के सामने लेंगे सात फेरे

 

बदनावर/तिलगारा। प्रार्थना और प्रेम दोनो ही वजनदार हे बाकी सब हल्के है आध्यात्म जगत में अगर कोई बड़ा है वह प्रेम है आज प्रेम से हार कोई पिघल जाता है और प्रेम कठोर से कठोर व्यक्तिं को पिघला देता है यह बात तिलगारा में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन पंडित प्रभु जी नागर ने कही ।साथ ही वजन का उदाहरण दे हुए कहा कि महाभारत में अर्जुन रथ के पीछे बैठे थे और आगे भगवान कृष्ण जिन्होंने अर्जुन के मनोबल को बढ़ाया और कर्ण के आगे शल्य जो हमेशा मनोबल गिराने की बाते करते थे। बाकी आप सब जानते हो कि आगे क्या हुआ । आगे हल्के आदमी को नही वजनदार आदमी को बिठाना चाहिए क्योंकि वजनदार आदमी आपका मनोबल बढ़ाएगा।

अपना इष्ट एक ही होता है अर्जुन का इष्ट एक ही भगवान कृष्ण थे लेकिन फिर भी हनुमान जी को रथ बिठाया था लेकिन जिस प्रकार एक गाड़ी में इंजिन स्टेनिंग सीट हॉर्न इन सब की जरूरत होती है इसी प्रकार बल चाहिए तो हनुमान की , वैभव चाहिए तो लक्ष्मीनारायण,मोक्ष चाहिए तो श्री कृष्ण, शांति और मर्यादा चाहिए तो श्री राम ,प्रेम भजन और लगन चाहिए तो भगवान हाटकेश्वर, सद्बुद्धि और वाणी में सरसता चाहिए तो महाकाली इन सब के अपने अलग अलग काम है।

4 तरह का धन होता है

नानी पानी बैमानी ओर झिझमानी। लेकिन संसार का सबसे बड़ा धन संतोष है इसे बड़ा कोई धन नहीं हे।

संतों का कहना है कि आप किसी भी परिस्थिति में पहुंच जाओ लेकिन भगवान की भक्ति, भजन कभी भी नहीं छोड़ना चाहती और खाली समय में भगवान का भजन और अनुष्ठान करना है। लोग हमेशा यही गलती करते है कि परेशानी ने भजन छोड़ देते है पुजा पाठ, भजन और अनुष्ठान में अंतर होता है भजन और पाठ पूजा तो रोजाना करते है लेकिन जन्माष्टमी ,महाशिवरात्रि ,दीपावली ,होली की रात्रि , नवरात्रि के समय अनुष्ठान करना चाहये। इन दोनो में अनुष्ठान करने का बड़ा महात्म्य है

प्रकृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है

पहाड़ प्रकृति की सुंदरता है इसे छेड़े मत इसकी रक्षा करना ।पहाड़ और पर्वत की अपनी अगल ही महिमा है इससे कई प्रकार की ओषधि मिलती है जिसके बारे में रामायण में वर्णन है ।

कथा में गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन और भगवान श्री कृष्ण की कथा का वर्णन किया गया। कृष्ण जन्म बड़े ही धूमधाम से मनाया गया ।जब श्री कृष्ण कथा पंडाल ।e पहुंचे तो उपस्थित श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर भगवान का स्वागत किया।

रामगोपाल पाटीदार ने बताया की रात्रि में रुके हुए श्रद्धालुओं द्वारा पूरे नगर में सुबह 5.3 बजे प्रभात फेरी निकाली जाती है। जिसका नगर वासी कोई चाय दूध तो कोई फल का वितरण करते हैं।

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