बदनावर । भारत पूर्व में सोने की चिड़िया था इसका कारण यहां के गांव का आत्मनिर्भर होना था उस समय भारत दुनिया का 33% निर्यात करता था जितना आज चीन अमेरिका और जापान मिलकर करते हैं हमें पुनः विश्व गुरु बनने हेतु हमारे गांवों को आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा,लघु कुटीर उद्योग के साथ हमारी संस्कृति,सभ्यता, परंपराओं को भी सहेजना पड़ेगा हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति,योग,आयुर्वेद की ओर लौटना होगा साथ ही हमें स्वदेशी अपनाने का संकल्प लेना होगायह बात स्वदेशी सप्ताह के समापन अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सह संयोजक दिलीप सिंह चौहान ने धार जिले के बदनावर में आयोजित कार्यक्रम में कहीं प्रांत संघर्ष वाहिनी प्रमुख दशरथ डाबिया ने संगठनात्मक जानकारी देते हुए बताया कि 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक यह स्वदेशी सप्ताह मनाया जाता है इसके अंतर्गत जिलों में स्वदेशी विदेशी की सूची का वितरण संगोष्ठी स्कूल कॉलेजों में व्याख्यान सहित कई जन जागरण के कार्य किए गए इस अवसर पर बदनावर की तहसील कार्यकारिणी का गठन भी किया गया इस अवसर पर कई स्वदेशी बंधुओं गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला संयोजक पंडित श्रवण गौर ने किया एवं आभार तहसील संयोजक नटवर सिंह चौहान ने माना।
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