जबलपुर । मध्य प्रदेश में अभी नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे विशेषज्ञों की सलाह और कोरोना वायरस के हालातों की समीक्षा के बाद ही फैसला होगा।दरअसल सिटीजन कंज्यूमर गाइडेंस फोरम की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका के जरिए राज्य में निकाय चुनाव स्थगित करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने हाई कोर्ट में जवाब दिया है इलेक्शन कमीशन ने कोर्ट में कहा कि नगरीय निकाय चुनाव कराने का फैसला अभी नहीं लिया गया है जब तक कोरोना वायरस की तीसरी लहर की स्थिति साफ नहीं होगी तब तक चुनाव नहीं होंगे।जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया है इस पर हाईकोर्ट ने सुझाव दिया है कि निर्वाचन प्रक्रिया में कोरोना संक्रमण से बचाव की प्राथमिकता रखी जाए। याचिकाकर्ता ने तीसरी लहर की आशंकाओं के तहत निकाय चुनाव पर रोक लगाने मांग उठाई थी जिस पर चुनाव आयोग के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण किया है। इससे पहले मध्य प्रदेश में सितंबर अक्टूबर मे नगरीय निकाय के चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही थी । याचिका में कहा गया था कि अगस्त-सितंबर कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की संभावना है। जबकि राज्य चुनाव आयोग ने 15 जुलाई को नगरीय निकाय चुनाव कराने के लिए बैठक आयोजित की थी लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस समय चुनाव कराना ठीक नहीं होगा। जिसके बाद चुनाव आयोग ने साफ कह दिया कि फिलहाल नगरीय निकाय चुनाव कराने की कोई योजना नहीं है।इस बार महापौर और अध्यक्ष के चुनाव इस बार अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि नगरीय निकायों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही कराएं यानी नगर निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्षों को पार्षद चुनेंगे।
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