December 12, 2024

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जायसवाल समाजजनो ने विधि-विधान से भगवान सहस्त्रबाहु की पूजा-अर्चना कर प्रतिभावान छात्रों व शिक्षको एवं दानदाता परिवारो का अभिनन्दन पत्र भेट कर सम्मान किया गया

बदनावर- जायसवाल समाज द्वारा भगवान विष्णु के चौबीसवें अवतार कुलदेवता भगवान सहस्त्रबाहू अर्जुन महाराज की जयंती गाँव स्थित जायसवाल समाज धर्मशाला में समारोहपूवर्क जायसवाल समाज द्वारा चिराखान में शुक्रवार को सहस्त्रबाहु अर्जुन जयंती मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज अध्यक्ष ईश्वरलाल जायसवाल सिलोदा थे। विशेष अतिथि डाक्टर मनोहरलाल जायसवाल बदनावर थे। अतिथी कन्हैयालाल जायसवाल,लक्ष्मीनारायण जायसवाल,गोरिशंकर जायसवाल,दशरथ जायसवाल, शिवनारायण जायसवाल चिराखान, अनुप जायसवाल बोराली ,राहुल जायसवाल बदनावर थे।समाजजनो द्वारा अतिथियों का तिलक लगाकर व अंगवस्त्र भेट कर स्वागत किया गया।

इस दौरान समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओ , शिक्षको,एवं दानदाता परिवारो का अभिनन्दन पत्र भेट कर सम्मान किया गया। जिसमे जायसवाल धर्मशाला में 51हजार दानराशि भेंट कर सहयोग प्रदान करने पर समाजसेवी मोहनलाल जायसवाल लाबरिया,विनोद जायसवाल चंदौडिया के द्वारा एक डम्पर गिट्टी दान देने पर एवं सुनिल जायसवास द्वारा धर्मशाला मे छत पंखे दानदेने पर अभिनन्दन पत्र भेंट कर सम्मान किया गया।शिक्षक मनोहर जायसवाल,डाँ.आयुष जायसवाल एवं मेधावी छात्र -छात्राओ मे काजल जायसवाल,नारायण जायसवाल,आशिष जायसवाल,एवं आयुष जायसवाल का अभिनंदन पत्र भेट कर सम्मान किया गया।

अतिथियो ने कहा भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन का जीवन चरित्र पूरे मानव जाति के लिए प्रेरणास्रोत है। यह न्याय पाने के लिए अन्याय से लड़ने की सीख देता है। समाज के लोगों को सहस्त्रबाहु अर्जुन के बताए मार्ग पर चलने संकल्प लेना चाहिए। सामाजिक एवं राजनीतिक उत्थान के लिए एकजुट होना अनिवार्य है। जब तक समाज के लोग एकजुट नहीं होंगे, तब तक सामाजिक कुरीतियों को दूर नहीं किया जा सकता।उन्होंने कहा भगवान सहस्त्रबाहु का मूल नाम कार्तवीर्य अर्जुन था। वे बड़े प्रतापी और शूरवीर थे। उन्होंने अपना गुरू दत्तात्रेय को प्रसन्न करके वरदान के रूप में उनसे हजार भुजाएं प्राप्त की थी। इस कारण ही कार्तवीर्य अर्जुन सहस्त्रबाहु के नाम से विख्यात हुए।कार्यक्रम को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। इस मौके पर रंगोली, कलश सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वहीं समाज द्वारा मेधावी छात्र-छात्राओं, समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाले बुजुर्गों का सम्मान किया गया।तत्पश्चात् धर्मशाला परिसर में अतिथियो की उपस्थिति में एक पेड़ मां के नाम लगाया गया। इस मौके पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।अतिथियों द्वारा भगवान सहस्त्रबाहू महाराज की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई।एवं भगवान सहस्त्रबाहु की महाआरती की गई। कार्यक्रम का संचालन अखिलेश जायसवाल ने किया।तत्पश्चात महाआरती उतारी गई एवं महाप्रसादी वितरण की गई।एवं छप्पन भोग लगाया गया। बाद में हुई गोष्ठी में समाज के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत वैदिक मंत्रोच्चार पूर्वक विधि विधान से भगवान सहस्त्रबाहू की पूजा और महा आरती उतारी गई। इस अवसर पर समाजजनो को संबोधित करते हुए अखिलेश जायसवाल ने कहा कि हम उस वंश के वंशज हैं, जिसका इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज है। कहा कि सहस्त्रबाहु अर्जुन जैसे वीर योद्धा ने रावण जैसे दुराचारी को अपने कंधे में दबाकर महीनो तक कैद रखा था।उन्होंने कहा कि समाज को पुराने गौरव को पाने के लिए एकजुट होना होगा। आज हमारा समाज आये दिन प्रगति के पथपर निरंतर बढ़ता जा रहा है। अब जरूरत है कि समाज का युवा वर्ग सामाजिक क्षेत्र में अपना योगदान दें और भगवान सहस्त्रबाहु जी की तरह राज करने हेतु राजनैतिक क्षेत्र में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लें, तभी हमारा और हमारे समाज का राजनैतिक उद्धार होगा। इस अवसर पर निलेश जायसवाल,हरिनारायण जायसवाल,कैलाशचन्द्र जायसवाल,ओमप्रकाश जायसवाल,भगवती प्रसाद जायसवाल,अशोक जायसवाल,परमेश्वर जायसवाल,राधेश्याम जायसवाल, संजय जायसवाल,अखिलेश जायसवाल,दशरथ जायसवाल,विजय जायसवाल,दिलीप जायसवाल,श्याम जायसवाल,खेमचन्द जायसवाल,पुरुषोत्तम जायसवाल,मुकेश जायसवाल,राजेश जायसवाल,देव जायसवाल,विनोद जायसवाल,गोपाल जायसवाल,सुदामा जायसवाल, सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ व बच्चे व समाजजन मौजूद थे।

 

 

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