बदनावर। मप्र से राजस्थान और गुजरात राज्य को जोड़ना वाला बदनावर- थांदला-कुशलगढ़ (राज.) टू-लेन मार्ग यातायात की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है। यहीं नही औद्योगिक दृष्टिकोण से भी यह मार्ग मायने रखता है क्योंकि प्रदेश का एक मात्र पीएम मित्र मेगा टेक्सलाईल्स पार्क भी इस मार्ग पर आकार ले रहा है जिसको देखते हुए इस मार्ग को टु लेने की बजाय फोरलेन बनाए जाने की मांग जनता की जा रही है।पीआरडीसी द्वारा इस मार्ग के निर्माण को लेकर लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होकर अनुबंध होना शेष है। किंतु एक और जहां सिंहस्थ-2028 को देखते हुए मध्य प्रदेश में कई टू लेन सड़कों को फ़ोरलेन में बदला जा रहा है वहीं इस मार्ग को पुनः टू लेन बनाया जाना समझ से परे है। हालाकि साल 2018 में इसे उज्जैन-से पेटलावद के अमरहोली तक फोरलेन में परिवर्तित करने की कवायद प्रारंभ हो गई थी। सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण कर थीड्री भी जारी हो गई थी। किंतु कोरोना काल में योजना गति नहीं पकड़ पाई। बाद में साल 2022 में उज्जैन से बदनावर को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपने अधीन ले लिया और फोरलेन का निर्माण कार्य भी अंंितम चरण में है किंतु इसके आगे फोरलेन निर्माण खटाई में पड़ गया है।
उज्जैन बदनावर होते हुए थांदला तक के इस मार्ग को साल 2005-06 में टू लेन बनाया गया था। जब यह टूलेन बना था तो कई जगह घुमावदार होने से दुर्घटनाएं बढ़ने लगी थी। एक बार तो दुर्घटनाओं का सिलसिला सा चल पड़ा था तब कलेक्टर ने सर्वे कर घुमाववाली साईड के शोल्डर चौड़े करवाए थे। लेकिन यातायात के बढ़ते दबाव से इसके चौड़ीकरण की जरूरत ज्यादा थी। यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए साल 2018 से इसे फोरलेन में तब्दील करने की कवायद की जा रही थी। तब उज्जैन से पेटलावद के अमरहोली तक 139 किमी की सड़क का चौड़ीकरण करने के लिए 1130 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया था। लेकिन यह प्रक्रिया यह प्रक्रिया गति नही पकड़ पाई। तब दिसबंर 2022 में केंद्रीय मंत्री ने उज्जैन-बदनावर के 69.1 किमी मार्ग को स्टेट हाईवे 18 को नेशनल हाइवे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया था। इसके बाद इस मार्ग का निर्माण कार्य लगभग 95 प्रश तक पूर्ण हो चुका है। लेकिन इसके आगे फोरलेन निर्माण का मामला खटाई में पड़ गया।
432 करोड़ में बनेगा टू-लेन
बदनावर से थांदला तक 78 किमी टू लेन है जिसे 12 किमी विस्तार देकर राजस्थान के कुशलगढ़ तक कुल 90 किमी मार्ग 432 करोड़ की लागत से 12 मीटर चौड़े टू-लेन निर्माण की स्वीकृति मिली है। वर्तमान में यह मार्ग शोल्डर सहित सात मीटर चौड़ा है जिसे 12 मीटर चौड़ा किया जाएगा। यानि कुल दस मीटर तक डामरीकरण तथा एक-एक मीटर के मुरम के शोल्डर सड़क के दोनों और बनाए जाएंगे। इसके बाद से उज्जैन बदनावर निर्माणाधीन फोरलेन से यह 90 किमी लंबा मार्ग सीधा जुड़ जाएगा। वर्तमान में जावरा लेबड़ फोरलेन से राजस्थान और महाराष्ट्र को जोड़ता है। किंतु मालवाचंल और दक्षिणी राजस्थान को उतर पूर्वी गुजरात से जोड़ने का यह महत्वपूर्ण मार्ग है। इसी मार्ग पर पेटलावद-थांदला के बीच मुबंई दिल्ली एक्सप्रेस वे भी पड़ता है। भविष्य में इस मार्ग पर यातायात का दबाव काफी बढ़ेगा। एसे में इस मार्ग को टू-लेन बनाने की बजाय फोरलेन बनाया जाना चाहिए।
औद्योगिक दृष्टि से भी अतिमहत्वपूर्ण
बदनावर क्षेत्र का औद्योगिकीकरण के रूप में भी फैलाव हो रहा है जिसे मिनी पीथपमुर बनाने की कवायद चल रही है। पश्चिमी क्षेत्र में ही प्रदेश का एक मात्र पीएम मित्रा मेगा टेक्टसाईल्स पार्क का निर्माण तेजी से चल रहा है। जहां धागे से लेकर कपड़ा तैयार कर मार्केटिंग सभी एक ही जगह होगी। इसमें करीब 200 से अधिक यूनिट लगेगी तथा एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसके अलावा छायन में जील इनरवियर शुरू हो चुकी है जबकि दोत्रिया में एक फेक्ट्री की नींव रखी जा चुकी है। बदनावर में सीमेंट फेक्ट्री शुरू हो चुकी है तो एशिया का सबसे बड़ा सोया प्लांट भी टेस्टींग चल रही है। पिछले तीन वर्षाे में औद्योगिक विकास हेतु जो लैंड बैंक तैयार किया गया है वो इसी मार्ग के आसपास है। बदनावर की सीमा माही नदी पर समाप्त होती है उस पार पेटलावद तहसील का कसारवड़ी गांव आता है वहां पर भी औद्योगिक क्षेत्र हेतु भूमि संरक्षित की गई है।
एमपीआरडीसी के सहायक महाप्रबंधक अमित भूरिया ने बताया कि बदनावर से थांदला-कुशलगढ़ मार्ग के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर एजेंसी फायनल हो गई है केवल अनुबंध शेष है। नए साल में काम शुरू हो जाएगा।
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