बदनावर। सलित्रा परिवार में चल रही श्रीमद् भागवत सत्संग ज्ञान यज्ञ के छठे दिन भैया जी ने समझा कर बताया कि अगर आप का संकल्प सत्य है और सेवा उस में छुपी हुई है तो भगवान उस संकल्प को किसी भी रूप में पूर्ण कर देते हैं किसी संकल्प में आपका निजी स्वार्थ होता है या लालच होता है तो वह संकल्प पूर्ण नहीं होते हैं क्योंकि भगवान निष्काम भाव से की हुई भक्ति और निष्काम भाव से किए हुए संकल्पों को ही पूर्ण करते हैं जिस प्रकार रुकमणी मैया ने भगवान को निस्वार्थ भाव से भजन और भक्ति विवाह की भावना मन में रखकर की तो भगवान ने भी बिना रुकमणी जी को देखें उनके पत्र के ऊपर उनका उद्धार करने के निमित्त उनको अपने पिता के घर से द्वारका लाए थे व फिर पुनः उनके पिता की इच्छा से पानी ग्रहण संस्कार किया अगर मनुष्य भगवान की शरण में रहकर सच्चे भाव से निस्वार्थ रूप से उनकी भक्ति करता है तो भगवान उसके हर कार्य को सिद्ध करता है एवं उसके मार्ग प्रशस्त करते हुए उसे श्री यश कीर्ति दिलाता है जिससे वह मनुष्य थोड़े समय में ही भगवान के शरणागति करते हुए अपने मन को प्रभु चरणों में लगा लेता है आज कथा में भगवान कृष्ण और रुक्मणी विवाह का व्यतांत सुनाते हुए बताया कि किस प्रकार आज समाज में शास्त्रों द्वारा विवाह पद्धति को छोड़कर केवल दिखावे के लिए खाना पूर्ति की जा रही है जिससे विवाह मैं नाना प्रकार के गृह क्लेश और कई प्रकार के दोष आ जाते हैं जिससे पति पत्नी सुख से रहने की बजाए सदा दुखी और ब्रम्ह में रहते हैं जिससे उनका गृहस्थ जीवन दुखी हो जाता है मानव को चाहिए कि शास्त्रों में जो रीति बताई गई हैं विवाह के निमित्त उन सब का पालन करें और भगवत शरणागति की समस्त रस्में भगवान का आशीर्वाद है उन्हें पूर्ण समर्पित भाव से निभाना चाहिए जिससे दांपत्य जीवन सुख और शांति के साथ पूर्ण होता है और भगवत कृपा बरसती रहती है।
आज कथा में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शरद सिंह सिसोदिया व एकविरा भक्त मंडल से पुजारी मनीष भैया का स्वागत किया।
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