बदनावर। तीर्थ हमारी संस्कृति और समाज उत्थान के केंद्र होते हैं, तीर्थों की पवित्रता को खत्म नहीं किया जाना चाहिए एवं सम्मेद शिखरजी पर सरकार द्वारा पर्यटन स्थल एवं वन्य प्राणी अभ्यारण जैसी अधिसूचना का जैन समाज सख्त विरोध करता है। जैन तीर्थ अहिंसा के केंद्र होते हैं वहां पर इन सरकारी योजनाओं के कारण मांस मदिरा और पांच सितारा संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे कि धार्मिक आस्थाओं पर कुठाराघात होगा जिसे जैन समाज ही नही भारत का कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं करेगा।
उपरोक्त मुद्दों को लेकर एवं तीर्थों का व्यवसायीकरण करने एवं हिंसा का क्षेत्र बनाने की गलत नीतियों का विरोध करने के लिए रविवार को संपूर्ण देश का जैन समाज सड़कों पर उतर आया। इसी तारतम्य में देश की राजधानी दिल्ली में अहिंसक समाज के लोग भारी मात्रा में विरोध प्रदर्शन को लेकर सड़कों पर उतर आए इसी प्रकार देश की सभी बड़े शहरों में उग्र प्रदर्शन हुआ वही इंदौर महानगर में उग्र प्रदर्शन के साथ के साथ अहिंसक समाज का सैलाब सड़कों पर दिखाई दिया। यह मौन जुलूस राजवाड़ा से शुरु हुआ तो इसका दूसरा छोर गांधी प्रतिमा रिगल चौराहे पर दिखाई दिया । पूरी सड़कों पर सफेद और केशरीया परिधान पहने स्त्री पुरुष ही दिखाई दे रहे थे। बदनावर नगर में भी समाज के प्रबुद्ध लोगों ने अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौप कर उक्त मांगों को दोहराया।
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