धार। बेबाक बात कहने के लिए जाने वाले बदनावर के पूर्व विधायक वरिष्ठ भाजपा नेता भंवर सिंह शेखावत ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा धार जिले में 304 करोड़ की परियोजना कारम बांध भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और 3 दिनों के प्रयास के बाद भी बांध को नहीं बचा पाए। 14 अगस्त की शाम को बांध से अचानक तेजी से पानी निकलने लगा इसमें कारम नदी मे रूद्र रूप मे पानी आया और गरीब 12 गांव के खेत व मकानों में भारी नुकसान पहुंचा। इन सभी प्रभावितों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है। क्षेत्रीय किसान आज मुआवजे को लेकर कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं और प्रदेश के दो मंत्री मुख्यमंत्री के समक्ष पहुंचकर जेसीबी चालकों को सम्मानित कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं जो की क्षेत्र के किसानों व जनता के साथ सरासर धोखा है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा डेेम
श्री शेखावत ने कहा कि कारम परियोजना का निर्माण प्रदेश के कांग्रेस शासन के समय प्रारंभ हुआ था और उस दौरान प्रदेश में इस विभाग के मंत्री तुलसीराम सिलावट थे और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव विधायक थे । आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े कारम डेम की बागडोर भी इन्हीं दोनों मंत्रियों के जिम्मे सौंप दी गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को सबसे पहले इन दोनों मंत्रियों को पद से हटाकर निष्पक्ष रुप से इसकी जांच कराई जाना चाहिए और जो 12 गांव प्रभावित हुए हैं जिनकी भूमि फसल व मिट्टी, बोरवेल सहित मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उनका सर्वे अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है।
पुर्व विधायक शेखावत ने कहा कि बांध से निकले पानी के कारण 36 हेक्टर में फसलें प्रभावित हुई हैं तथा कई खेतों से मिट्टी बह गई है। कई लोग बेघर हो गए हैं ऐसे लोगों को भूखंड पुनर्वास किया जाए,। आपने कहा कि शासन द्वारा डूब प्रभावित किसानों की भूमि अधिग्रहण करते समय किसानों को अवगत कराया गया था कि किसानों को जमीन के बदले जमीन दी जाएगी। डूब प्रभावित किसानों को अचल संपत्ति कुंआ,पाइप सहित अन्य राशि दी जाए।
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