भोपाल। खंडवा लोकसभा मे उपचुनाव की उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस व भाजपा दोनो ही दलों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अगर दोनों दल में से नाराज़ होकर कोई बगावत करता है तो उसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ेगा इसी बात को ध्यान में रखते हुए दोनों दलों के नेता फेसला लेने में गहन विचार कर रहे हैं। कांग्रेस में टिकिट के लिए पूर्व मंत्री अरुण यादव प्रबल दावेदार है तो दुसरी और बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अपनी पत्नी जय श्री के लिए टिकिट की मांग कर रहे हैं। वहीं भाजपा से स्व नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्ष चौहान सहानुभूति के चलते टिकिट की चाहत रहे हैं तो दुसरी तरफ पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस और इंदौर के कृष्ण मुरारी मोघे ने भी दावेदारी की है l अब ये देखना दिलचस्प होगा की दोनों ही दल किस रणनीति के तहत अपने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारते है और जिन्हें मौका नही मिलता है उनकी नाराजगी कैसे दूर करते है जिससे वो बगावत न करें और पार्टी को होने वाले नुक़सान से बचाया जा सके।शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर देर तक इसी मंथन को लेकर बैठक हुई, वही दूसरी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चुनाव प्रभारियों के साथ कशमकश में लगे रहे। खंडवा लोकसभा सीट सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन की वजह से सी खाली हुई है। कोरोना संक्रमण के कारण निर्वाचन आयोग ने खंडवा लोकसभा का उपचुनाव टाल दिया था।
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